UKPSC : पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा घोटाले की इनसाइड स्टोरी
बीती आठ जनवरी को हुई पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के खुलासे के बाद यह परीक्षा भी रद्द कर दी गई है। अब परीक्षा नए सिरे से अगले महीने 12 फरवरी को होगी।
पेपर लीक करवाने के आरोप में इस परीक्षा को संपन्न कराने वाली संस्था ‘उत्तराखंड लोक सेवा आयोग’ (UKPSC) के अति गोपन विभाग में तैनात अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी और उनकी पत्नी रितु चतुर्वेदी समेत पांच आरोपी एसआईटी की गिरफ्त में आ चुके हैं।
संजीव चतुर्वेदी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया का निवासी है। पकड़े गए दो अन्य आरोपी राजपाल और संजीव कुमार ग्राम कुलचंदपुर उर्फ नथौड़ी, थाना गागलहेड़ी,सहारनपुर के रहने वाले हैं। पांचवां आरोपी रामकुमार लक्सर, हरिद्वार का रहने वाला है।
इन आरोपियों की निशानदेही पर परीक्षा से जुड़ी सामग्री और 41.50 लाख रुपये की रकम बरामद की गई है।
गिरफ्तारी के दौरान संजीव चतुर्वेदी से 22 लाख 50 हजार रुपये, राजपाल से 10 लाख रुपये और प्रश्नों की कॉपी, संजीव कुमार से आठ लाख रुपये, प्रश्नों की कॉपी और अभ्यर्थियों के दस्तावेज व चेक तथा राजकुमार से एक लाख रुपये और परीक्षा के प्रश्नों की कॉपी बरामद की गई।
अब तक की जांच के बाद जो जानकारी सामने आई है, उससे पता चलता है कि मुख्य आरोपी संजीव चतुर्वेदी ने बेहद शातिराना तरीके से इस घोटाले को अंजाम दिया।
मामले की पड़ताल कर रही एसटीएफ की पूछताछ में पता चला है कि अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने अति गोपन कार्यालय से परीक्षा के लिए बनाए गए सभी प्रश्नपत्रों को मोबाइल से फोटो खींचने के बाद अपनी पत्नी रितु चतुर्वेदी को भेजा।
रितु चतुर्वेदी ने सभी प्रश्नों को हाथ से लिख कर इस मामले के अन्य आरोपी राजपाल तक पहुंचाया। हरिद्वार स्थित एक कालेज में प्रवक्ता पद पर तैनात राजपाल कोटिंग सेंटर भी चलाता है और संजीव चतुर्वेदी का बेहद करीबी है।
राजपाल ने रितु चतुर्वेदी से पेपर मिलने के बाद दो अन्य आरोपियों संजीव और रामकुमार के साथ मिल कर अभ्यर्थियों से संपर्क साधा और डील हो जाने के बाद परीक्षा से ठीक पहले बिहारीगढ़ व लक्सर स्थित दो फॉर्म हाउस में प्रश्नपत्र हल करवाया।
बताया जा रहा है कि पेपर हल करवाने के लिए आरोपियों ने बेहद सुरक्षित तरीका अपनाया। आरोपियों ने किसी एक्सपर्ट की मदद लेने के बजाय इंटरनेट से सभी प्रश्नों के उत्तर निकाले और इस तरह अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र हल करवाया गया।
ऐसा इसलिए किया गया ताकि इस घोटाले की भनक इन पांचों के अलावा किसी और को न लग पाए।
परीक्षा संपन्न होने के बाद जब तक लोक सेवा आयोग और सरकार नकलप्रूव परीक्षा करवाने का दवा कर पाते इस खुलासे ने सारी असलियत उजागर कर दी है।
इन पांचों की गिरफ्तारी ने एक और भर्ती परीक्षा के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने की पुष्टि कर दी है।
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