जोशीमठ से राहत भरी खबर : जेपी कालोनी में पानी का रिसाव हुआ कम

भूस्खलन के चलते खतरे के मुहाने पर खड़े जोशीमठ से एक राहत की खबर है। शहर से करीब 9 किलोमीटर दूरी पर स्थित मारवाड़ी इलाके की जेपी कालोनी में हो रहे पानी के रिसाव की रफ्तार में कमी आई है।

इस कालोनी में 2 जनवरी को मटमैले पानी का रिसाव शुरू हुआ था जिसकी रफ्तार तेजी से बढ़ने लगी थी।

जोशीमठ में डेरा डाले सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि रविवार को पानी का डिस्चार्ज 560 लीटर प्रति मिनट (एलएमपी) था, जो मंगलवार को घटकर 360 एलएमपी पर पहुंच गया है।

उन्होंने बताया कि पानी के डिस्चार्ज पर हर घंटे नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही सुंदरम ने बताया कि जोशीमठ ने नए मकानों में दरारें नहीं हैं जो कि राहत की बात है।

जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन के लिए पानी के रिसाव को बड़ा कारण माना जा रहा है। पानी का यह रिसाव अब वैज्ञानिकों के लिए अभी भी पहले बना हुआ है।

joshimath sinking live updates

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी (एनआईएच) रुड़की के वैज्ञानिकों की टीम ने इस पानी के नमूने भी लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा गया है।

इस बीच जोशीमठ में असुरक्षित भवनों की संख्या भी लगातार बढती जा रही है। बीते रोज 45 भवनों को चिन्हित किए जाने के बाद यह संख्या 723 पहुंच गई है।

इनमें से 86 भवन पूरी तरह असुरक्षित घोषित किए जा चुके हैं। बीते रोज प्रशासन ने ऊर्जा निगम को असुरकक्षित उलाकों से बिजली लाइनें हटाने के निर्देश दिए थे जिसके बाद 20 असुरक्षित भवनों के कनेक्शन काट दिए गए हैं।

इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत कार्यों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना एक माह का वेतन देने की घोषणा की है। उन्होंने अधिकारियों को राहत कार्यों में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरते जाने के निर्देश दिए हैं।

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