मसूरी :  विंटर लाइन कार्निवल का आगाज ; लोकगायकी और सूफी गायन से कलाकार बांधेंगे समा

मसूरी में आज से विंटर लाइन कार्निवल का आयोजन आज से हो गया है । ये फेस्टिवल 30 दिसंबर तक चलेगा ।  कार्निवल की शुरूआत मे  दोपहर 12 बजे से, प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से सुसज्जित सांस्कृतिक झांकी शुरू होगी इसके बाद दो बजे गांधी चौक पर सीआरपीएफ बैंड, तीन बजे आईटीबीपी बैंड की धुन के साथ आगाज होगा।

इसके बाद पद्मश्री डॉ. माधुरी बड़थवाल उत्तराखंड के पारंपरिक मांगल गीत की प्रस्तुति देगीं और चार बजे कार्यक्रम का  उद्घाटन  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे ।

कार्यक्रम में प्रदेश के लोकगायकों के साथ मशहूर वडाली ब्रदर्स भी अपनी गायकी की छटा बिखेरेंगे ।

कार्यक्रम में पद्म श्री माधुरी बड़थवाल पारंपरिक मांगल गीत से कार्यक्रम का आगाज करेंगी ।

माधुरी बड़थवाल उत्तराखंड की लोकसंस्कृति का देशभर में सालों से प्रचार कर रही हैं ।  लोकगायिका से पहले वे एक शिक्षिका रह चुकी हैं । उनके पिता चंद्रमणि उनियाल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे ।   वे ऑल इंडिया रेडियो की पहली महिला संगीतकार  हैं । ऑल इंडिया रेडियो में एक कार्यक्रम “धरोहर” के माध्यम से उन्होने उत्तराखंड के लोकगीतों का प्रचार किया ।  21 मार्च 2022 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया ।

गढ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी कार्यक्रम में अपनी गायकी से समा बांधेंगे ।

नरेंद्र सिंह नेगी ने गढवाली कविताओं और गढवाली लोकगीतों को जितनी ऊंचाई प्रदान की उतनी ही गहराई भी दी । उन्होने जितने गीत पहाड़ की खूबसूरती पर गाए हैं उतने ही गीत पहाड़ की व्यथा पर भी गाए है । कई लोग उन्हें क्रांतिकारी गायक भी कहते हैं ।  वे शाायद इकलौते ऐसे गायक हैं जिन्हें हर उम्र के लोग पसंद करते हैं । उन्होने विदेशों में भी उत्तराखंड के लोकगीत गाकर पहाड़ की संस्कृति को विदेशों तक फैलाने का काम किया ।

साथ ही जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण जागर की धुन पर प्रशंसकों को विमोहित करेंगे ।

जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने पारंपरिक जागरों को जीवित करने का काम किया है । उनके बारे में एक बात प्रचलित है की उन्होने एक बार अंग्रेजों को जागर की धुन पर नचाया था ।  2019 में उन्हें पारंपरिक लोक कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

कार्यक्रम में मशहूर जागर गायिका बसंती बिष्ट मंच से जागर  के साथ लोकगीतों की प्रस्तुति भी देंगी ।

बसंती बिष्ट राज्य के घर-घर में गाए जाने वाले मां भगवती नंदा के जागरों के गायन के लिये प्रसिद्ध हैं । वे उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी भी हैं । गायकी में उन्हे सबसे ज्यादा मदद की उनके पति रणजीत सिंह ने । जब उनके पति ने उन्हें गुनगुनाते हुए सुना फिर उन्हें संगीत की ट्रेनिंग के लिए म्यूजिक क्लास में उनका एडमिशन करवाया । 40 वर्ष की आयु में उन्होने किसी मंच पर पहली बार एकल प्रस्तुति दी और वहां से उनकी शुरूआत हुई । पारंपरिक जागरों को देशभर में फैलाने के लिए  26 जनवरी 2017 को उन्हें पद्मश्री से विभूषित किया गया।

कार्यक्रम में उत्तराखंड की स्वर कोकिला मीना राणा अपनी खूबसूरत आवाज से लोगों को मंत्रमुग्ध करेंगी ।

मीना राणा उत्तराखंड का एक जाना माना नाम है, उनकी खूबसूरत आवाज के लोग दीवाने हैं , मीना राणा की आवाज में एक अलग सी मिठास है, य़ही कारण है की उन्हें उत्तराखंड में स्वर कोकिला के नाम से जाना जाता है । मीना राणा ने कहीं से भी म्यूजिक नहीं सीखा, उनकी गायकी की शुरुआत सबसे पहले हुई मसूरी से जब उन्हें आकाशवाणी क्लब में पहली बार गाने का मौका मिला ।

कार्यक्रम में लोकगायकों के साथ रात 8 बजे विशेष प्रस्तुति देंगे सूफी गायक वडाली ब्रदर्स ।

वडाली ब्रदर्स सूफी गायन की दुनिया में एक बहुत बड़ा नाम है । दुनिया भर के बड़े मंचों उन्होने सूफी संगीत को विश्वभर में फैलाया है । वडाली ब्रदर्सअमृतसर जिले के गुरु की वडाली के सूफी गायक और संगीतकार हैं । वैसे तो इन्हें सुनने वाले लोग इनके हर गानों को पसंद करते हैं लेकिन सोशल मीडिया पर इन्हें ख्याति मिली “तू माने या ना माने दिलदारा” गाने से ।

दरअसल मसूरी में हर वर्ष विंटर लाइन कार्निवल का आयोजन किया जाता है इस कार्निवल का आयोजन नए साल का जश्न मनाने के लिए किया जाता है ।

 

 

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button