प्रदर्शन के बाद राजभवन और सीएम आवास की सुरक्षा बढ़ाई गई, आसपास धारा 144 लागू
प्रदर्शन के बाद राजभवन और सीएम आवास का सुरक्षा घेरा किया मजबूत, आसपास धारा 144 लागू
अंकिता भंडारी हत्याकांड के विरोध में राजभवन के सामने प्रदर्शन हुआ था। अतिसंवेदनशील इलाके में भीड़ की पुलिस के साथ नोंकझोंक हुई थी। राजभवन के सामने शनिवार को हुए प्रदर्शन के बाद वहां की सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत कर दी गई है। पुलिस ने राजभवन और सीएम आवास आने वाले रास्तों पर दोनों और नए बैरिकेड लगाकर पुलिस तैनात कर दी है। बैरिकेड के बीच और राजभवन व सीएम आवास के आसपास धारा 144 भी लागू रहेगी।
शनिवार को अंकिता भंडारी हत्याकांड के विरोध में राजभवन के सामने प्रदर्शन हुआ था। अतिसंवेदनशील इलाके में भीड़ की पुलिस के साथ नोंकझोंक हुई थी। सुरक्षा में लापरवाही के चलते अधिकारियों को चिंता हुई तो क्षेत्र की सुरक्षा की समीक्षा की गई।
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एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि डीजीपी के निर्देश पर यहां की सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। अब राजभवन और सीएम आवास के पास दोनों ओर दो बैरिकेड और लगाए गए हैं। इन पर सादे कपड़ों में पुलिस तैनात कर दी गई है। बिना चेकिंग इस रास्ते कोई नहीं निकलेगा। पांच या इससे अधिक लोग खड़े पाए गए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
लापरवाही में दो एसएचओ और एक दरोगा लाइन हाजिर राजभवन पर प्रदर्शन के मामले में एसएसपी ने कैंट व ऋषिकेश के एसएचओ और एक दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया है। आरोप है कि इन्होंने सूचना मिलने पर भी लापरवाही बरती और सुरक्षा संबंधी कोई उपाय नहीं किए।
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एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि यह क्षेत्र अतिसंवेदनशील है। यहां आने से पहले सभी की सुरक्षा संबंधी जांच होनी चाहिए। हर खुफिया सूचना पर ध्यान देकर अतिरिक्त प्रबंध किए जाने चाहिए। शनिवार को प्रदर्शनकारी ऋषिकेश से चले थे। लेकिन, ऋषिकेश एसएचओ रवि सैनी ने प्रदर्शनकारियों की लगातार निगरानी नहीं की। इसके चलते ये देहरादून आ पहुंचे और राजभवन के सामने प्रदर्शन किया।
कैंट थाने के एसएचओ राजेंद्र सिंह रावत को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने भी यहां सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं किए। कैंट थाने के दरोगा जगत सिंह ने भी प्रदर्शनकारियों के आने की सूचना मिलने पर भी सुरक्षा संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की। लिहाजा तीनों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है। कैंट एसएचओ की जगह इंस्पेक्टर विनय कुमार को कार्यवाहक एसएचओ बनाया गया है।