जौलीग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण : धामी सरकार ने किया फिजिबिलिटी सर्वे करने का आग्रह

प्रदेश के जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर धामी सरकार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) से फिजिबिलिटी सर्वे करने का अनुरोध किया है। इस सर्वे की रिपोर्ट से तय होगा कि जौलीग्रांट हवाई अड्डा अंतरराष्ट्रीय स्तर का बन सकता है या नहीं। जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिए सरकार इसके विस्तारीकरण की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए एयरपोर्ट के आसपास करीब 28 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। हवाई अड्डे के विस्तारीकरण की योजना पूरी तरह से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की फिजिबिलिटी रिपोर्ट पर निर्भर करेगी। यही वजह है कि धामी सरकार ने प्राधिकरण से जल्द से जल्द सर्वे करने का अनुरोध किया है। धामी सरकार के अनुरोध पर प्राधिकरण की टीम जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण तथा अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरने की संभावनाओं का अध्ययन करेगी।
जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिए इसके रनवे विस्तार के लिए 6.5 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। साथ ही एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 21.5 एकड़ भूमि की जरूरत है। एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए राजस्व भूमि के अलावा वन भूमि का भी अधिग्रहण किया जाना है। वहीं एयरपोर्ट विस्तारीकरण योजना को लेकर स्थानीय लोग अपनी भूमि के अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं।

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