केदारनाथ मंदिर की आकृति के बनेंगे पुल के टावर

ऋषिकेश। देवभूमि उत्तराखण्ड के तीर्थनगरी में ऐतिहासिक पहचान रखने वाले लक्ष्मणझूला सेतु के विकल्प के रूप में गंगा नदी पर बजरंग सेतु का निर्माण किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग की मानें तो आगामी वर्ष 2023 के जुलाई माह में इस सेतु का निर्माण पूरा कर दिया जाएगा। हालांकि आगामी नौ माह में यह कार्य पूरा करना किसी चुनौती से कम भी नहीं है। थ्री लेन के इस बजरंग सेतु के लिए वर्तमान में गंगा के दोनों ओर फाउंडेशन का काम जारी है। गंगा नदी पर तपोवन के नीचे लक्ष्मणझूला सेतु का निर्माण ब्रिटिश शासनकाल में वर्ष 1927 से 29 के बीच किया गया था। 12 जुलाई 2019 में लोक निर्माण विभाग की सेफ्टी आडिट रिपोर्ट में इस पुल को असुरक्षित मानते हुए प्रशासन ने इस पुल को आवाजाही के लिए बंद कर दिया था। जिसके बाद से ही लक्ष्मणझूला पुल के नए विकल्प के लिए कसरत शुरू हो गई थी। इस नए पुल की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को सौंपी गई थी।


नए पुल के लिए लोक निर्माण विभाग ने डीपीआर तैयार कर प्रदेश सरकार के माध्यम से केंद्रीय सड़क निधि में स्वीकृति के लिए भेजा था। जुलाई 2019 के बाद लक्ष्मणझूला पुल पर आवाजाही बंद होने के कारण स्थानीय नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पुल का कोई विकल्प न होने के कारण यहां दोनों ओर का बाजार भी प्रभावित है। खास कर पर्यटन काल, कुंभ मेला और कांवड़ मेले में इस पुल की अहमियत सबसे महत्वपूर्ण रहती है। जिसे देखते हुए इस पुल को समय पर तैयार करने की भी बड़ी जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के ऊपर है।
बहरहाल सबकुछ ठीक रहा तो शीघ्र ही बजरंग सेतु के रूप में लक्ष्मणझूला सेतु का विकल्प यहां तैयार हो जाएगा। लोक निर्माण विभाग नरेंद्रनगर खंड के अधिशासी अभियंता मो0 आरिफ खान ने बताया कि नए सेतु के लिए गंगा के दोनों किनारों पर फाउंडेशन का काम जारी है। बीस पाइल फाउंडेशन तैयार कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि तय समय पर इस पुल का निर्माण कर दिया जाएगा।
लक्ष्मणझूला पुल के विकल्प के रूप में तैयार किया जा रहा बजरंग सेतु अपने आप में तकनीकी का एक बेजोड़ नमूना होगा।
कुल 133 मीटर लंबे और आठ मीटर चौड़ाई वाला यह पुल थ्री लेन का होगा। इस पर खड़े होकर सैलानी 57 मीटर ऊंचाई से गंगा की बहती जलधारा का अद्भुत नजारा देख सकेंगे और इस पर चहलकदमी कर सकेंगे। इस पुल के लिए कुल 68 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। जिसके निर्माण के लिए पहले चरण में लोक निर्माण विभाग को 18 करोड़ 78 लाख रुपये की राशि भी अवमुक्त की गई थी। बजरंग सेतु के दोनों ओर जो टावर बनाए जा रहे हैं, उनकी ऊंचाई करीब 27 मीटर होगी। इन टावर की विशेषता यह है कि यह टावर केदारनाथ मंदिर की आकृति की तर्ज पर बनाया जाएंगे। जो दूर से देखने में केदारनाथ मंदिर की झलक पेश करेंगे।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button