बिग ब्रेकिंग : नैनीताल हाईकोर्ट ने विधानसभा की 250 रद्द हुई भर्तियों पर रोक लगाई
नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड विधानसभा के 250 कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द किए जाने के राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने इस सामले में सरकार समेत सभी पक्षकारों से जवाब मांगा है। न्यायालय की रोक के बाद नौकरी से निकाले गए 250 कर्मचारियों को फौरी राहत मिल गई है। गैरतलब है कि बीती 23 सितंबर को उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विधानसभा में बैकडोर से हुईं 250 भर्तियां रद्द कर दी थीं। इनमें 228 तदर्थ और 22 उपनल के माध्यम से हुईं नियुक्तियां शामिल थी। इसके साथ ही विधानसभा के सचिव पद पर कार्यरत मुकेश सिंघल को सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ जांच बैठा दी गई थी।
विधानसभा में मनमाने तरीके से नियुक्तियों का खुलासा होने के बाद स्पीकर ऋतु खंडूरी ने तीन सदस्यीय विशेषज्ञ जांच समिति का गठन किया था। समिति की रिपोर्ट में साल 2012 से 2021 के बीच हुई 250 भर्तियां नियमों के विपरीत पाई गईं, जिसके बाद स्पीकर खंडूरी ने इन भर्तियों को रद्द करने का ऐलान किया था।
रद्द की गई भर्तियों में 156 भर्तियां कांग्रेस सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे गोविंद सिंह कुंजवाल के कार्यकाल की तथा 72 तदर्थ व 22 उपनल की भर्तियां भाजपा सरकार में स्पीकर रहे प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में हुई थीं।
इन भर्तियों को रद्द किए जाने के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने तब कहा था कि 2011 से पहले विधानसभा में हुई नियुक्तियों की जांच को लेकर विधिक राय के बाद निर्णय लिया जाएगा।