विश्व पर्यटन दिवस पर जिला मुख्यालय के निकट घुनसेरागांव में शिलारोहण प्रशिक्षण स्थल पर रैपलिंग का आयोजन किया
- पिथौरागढ़ के पर्यटन विकास के लिए संकल्पित है आईस : बासू पाण्डेय
- एंकर विश्व पर्यटन दिवस पर घुनसेरागांव में युवाओं का शिलारोहण प्रशिक्षण शिविर संपन्न
पिथौरागढ। उत्तराखंड में साहसिक खेलों में अग्रणी संस्था इंट्रिसिक क्लाइंबर्स एण्ड एक्सप्लोरर्स “आईस” ने विश्व पर्यटन दिवस पर जिला मुख्यालय के निकट घुनसेरागांव में शिलारोहण प्रशिक्षण स्थल पर रैपलिंग का आयोजन किया। इस मौके पर आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में लगातार बढ़ती बेरोजगारी और पलायन से निपटने के लिए हमें पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहित करना होगा। नौजवानों को इस क्षेत्र में विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है। जनपद पिथौरागढ में आने वाले पर्यटकों को साहसिक खेल गतिविधियों से रूबरू कराया जाए तो पिथौरागढ में पर्यटकों की आमद बढ़ेगी और लोगों को रोजगार मिलेगा, पलायन रुकेगा।
इस अवसर पर संस्था ने स्थानीय घुनसेरागांव से लगी असुरचूला पहाड़ी पर 18 युवक और युवतियों को शिलारोहण का प्रशिक्षण देकर पर्यटकों को पिथौरागढ के अन्य पर्यटकस्थलों की जानकारी दी। प्रशिक्षण शिविर के दौरान साहसिक खेल की विभिन्न विधाओं हैंग ग्लाइडिंग, पैरा ग्लाइडिंग, रिवर क्रासिंग, रिवर राफ्टिंग, माउंटेरियरिंग, वाटर रिपलिंग की जानकारी दी गई। अलसुबह से आयोजित इस विशेष प्रशिक्षण शिविर में आईस के उच्च प्रशिक्षित प्रशिक्षक बासू पाण्डेय, लोकेश पवार , पवन, अभिषेक, कपिल, हरीश, दीपक ने सम्पन्न कराया.
शिविर में वक्ताओं ने कहा कि सीमित संसाधनों के बीच आईस संस्था आपदा पीड़ितों को हरसंभव सहयोग प्रदान कर रही है। साथ ही जनपद में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
आईस के संस्थापक सचिव विश्वदेव पांडेय बासू ने कहा कि साहसिक खेलों के जरिए पर्यटकों को आकर्षित किया जाना अति आवश्यक है। पिथौरागढ में आइस संस्था पर्यटन विकास को लेकर लगातार सक्रिय रहेगी।
संगोष्ठी में आईस संस्था के अध्यक्ष जगदीश कलौनी, जिला शासकीय अधिवक्ता गिरीश भट्ट, मनरेगा लोकपाल विनीता कलौनी, जिला बाल कल्याण समिति की सदस्य रेखा रानी, किसान श्री पुरस्कार प्राप्त पूर्व सूबेदार केशवदत्त मखौलिया आदि ने आईस संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों खासकर सीमांत जनपद पिथौरागढ में तमाम तरह की साहसिक खेल गतिविधियों को सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर प्रोत्साहित किए जाने पर जोर दिया।