उत्तराखंड में नहीं थम रहा है LUMPY VIRUS का संक्रमण
उत्तराखंड में LUMPY VIRUS थमने का नाम नही ले रही है वही बात करे तो यमकेश्वर क्षेत्र में लंपी वायरस ने ग्रामीणों को टेंशन में डाल रखा है। लंपी वायरस का संक्रमण बढ़ने से पशुपालक खासे परेशान हैं। लंपी वायरस से कई पशुओं की मौत भी हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि संक्रमित पशुओं को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है। पिछले कुछ समय से यमकेश्वर क्षेत्र में लंपी वायरस के दस्तक की खबरें आ रही हैं। इससे पशुपालक खासे परेशान हैं। पशुपालकों की टेंशन में इसलिये भी इजाफा भी हो रहा है कि लंपी वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि लंपी वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। क्षेत्र में तैनात पशु चिकित्सकों, का कहना है कि जिस जगह से उन्हें जानकारी मिल रही है, वहॉ वह जाकर मवेशियों का इलाज कर रहे हैं, साथ ही जिन क्षेत्रों में इसका असर कम है, वहॉ पर दवाईयां उपलब्ध करायी जा रही हैं। जानकारी मुताबिक, मवेशियों में लम्पी वायरस से पूरे शरीर पर लाल लाल दाने हो रहे हैं, और फिर बुखार आ रहा है, मवेशी घास खाना छोड़ रहे हैं।
लंपी स्किन वायरस क्या है
’लंपी स्किन डिजीज’(Lumpy Skin Disease) रोग ‘मंकी पोक्स’ की तरह है। यह रोग मवेशियों में फैलता है। यह बहुत ही संक्रमित रोग है जो एक संक्रमित पशु से दूसरे स्वस्थ पशु तक फैलता है। यह ‘पोक्सविरिडे परिवार’((Poxviridae)) के एक वायरस के कारण होता है, जिसे ’नीथलिंग वायरस’ भी कहा जाता है। यह वायरस मच्छरों, मक्खियों, जूं एवं ततैयों के कारण फैलता है। इसको ’’गांठदार त्वचा रोग वायरस’(LSDV) के नाम से भी जाना जाता है।
यह बीमारी दूषित भोजन एवं अशुद्ध पानी के कारण मवेशियों में फैलता है। इस रोग के कारण पशुओं की त्वचा पर गांठे पङ जाती है और उनको तेज बुखार हो जाता है। पशु दूध कम देने लगता है तथा उनको चारा खाने में भी दिक्कत होती है। इस रोग के संक्रमण से पशुओं की मौत भी हो जाती है।