मन की भाषा, प्रेम की भाषा, हिंदी है भारत जन की भाषा

हिंदी दिवस की आप सभी को बहुत शुभकामनाएं, हिंदी को आज के ही दिन यानि 14 सितंबर 1949 को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। और अब दुनिया में हिंदी भाषा का वर्चस्व बहुत तेजी से बढ़ रहा है। हिंदुस्तान में हम में से ज़्यादातर लोग इसी भाषा के जरिए बातचीत करते हैं।

अब एक नज़र डाल लेते हैं हिंदी भाषा के वर्चस्व की एक छोटी सी यात्रा पर-

सन 1900 से 2001 के दौरान यानि 121 साल में हिंदी बढ़ने की रफ्तार 175.52 फीसदी रही। जोकि अंग्रेजी भाषा 380.71 फीसदी के बाद सबसे तेज है। अंग्रेजी और मंदारिन के बाद हिंदी दुनिया कि तीसरी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है।

हिंदी भाषा सन 1900 में दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जानेवाली भाषाओँ में चौथे स्थान पर थी। और उस समय मंदारिन पहले, स्पैनिश दुसरे, और अंग्रेजी तीसरे पायदान पर थी। जैसे जैसे देश तरक्की कि राह पर बढ़ता गया, वैसे वैसे भारतीय भाषाओँ, खासकर हिंदी का वर्चस्व भी बढ़ता गया।

उसके बाद वक्त आया 1961 का, जब लम्बी यात्रा करने के बाद हिंदी स्पैनिश को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे ज्यादा बोले जनि वाली भाषा बन गई। दुनियाभर में तब करीब 42.7 करोड़ लोग हिंदी बोलते थे, और 2021 में इनकी संख्या बढ़कर 64.6 करोड़ पहुँच गई।

आपको बता दें कि यह संख्या उन 53 करोड़ लोगों के अतिरिक्त है, जिनकी मात्रभाषा हिंदी है। और अब तो यह शीर्ष- 10 कारोबारी भाषाओँ में भी शुमार है। उम्मीद करते हैं कि इस राजभाषा के वर्चस्व को बनाए रखने में आप सब भी अपना पूरा सहयोग देंगे।

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