क्या आपको भी है फियर ऑफ़ रिजेक्शन ? जानिए इसके दुष्प्रभाव और क्या हैं इससे बहार निकलने के तरीके
आजकल की पीढ़ी में फियर ऑफ़ रिजेक्शन यानी अस्वीकृत होने का डर बहुत आम हो गया है | लोग अक्सर इस बात से डरते हैं की अगर हमने किसी शख्स को कुछ बोला और उसने वो बात नहीं मानी तो क्या होगा ! इससे लोगों में सेल्फ कॉन्फिडेंस की खासी कमी बढ़ रही है जो की एक चिंता का विषय है |
क्या हैं फियर ऑफ़ रिजेक्शन से उबरने के तरीके ?
दुनिया भर में इस समस्या को लेकर बहुत सी रिसर्च हुई हैं वैज्ञानिक और डॉक्टर्स इसके लिए बहुत सी थरेपी भी सुझाते हैं हाल-फ़िलहाल में एक थरेपी बहुत चर्चा में है इसे रिजेक्शन थेरेपी नाम दिया गया है
क्या है रिजेक्शन थेरेपी ?
इस थरेपी को बनाने वाले कनाडा के उद्यमी जेसन कोमली बताते हैं की जिन लोगों में फियर ऑफ़ रिजेक्शन सबसे ज्यादा है वो लोग चैलेंजेस लेने से बहुत डरते हैं तो सबसे पहले तो आपको चैलेंजेस लेने होंगे इसे आप अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में कहीं से भीं कर सकते हैं |
इस थरेपी के दौरान पहले आपको खुद को टास्क देने होंगे जैसे की किसी भी शख्स के सामने अजीब सा प्रस्ताव और उसके रिजेक्शन को एक्सेप्ट करना |
आमतौर पर हम रोज़ कई छोटी-छोटी चीजों के लिए भी रिजेक्ट हो जाते हैं तो हम वहीँ से खुद को मजबूत कर सकते हैं |
रिजेक्शन हमारे दिमाग से खेलता है और इसी वजह से हमारे आत्मविश्वास में भी कमी आती है | इसके लिए दिमाग को शांत और नियंत्रण में रखना बेहद जरुरी है और दिमाग को अपने नियंत्रण में रखने के लिए मैडिटेशन यानी ध्यान को सदियों से कारगर माना गया है वैज्ञानिक ये कई बार साबित कर चुके हैं की मैडिटेशन करना हमारी मेंटल हेल्थ को ताज़ा रखने के लिए अत्यंत लाभकारी है |