अब चीन सीमा क्षेत्र में सेना की आवाजाही में हुई आसानी, सुप्रीम कोर्ट ने लागाई हेलंग-मारवाड़ी बाईपास पे मुहर

देहरादून- ऑलवेदर रोड के तहत बदरीनाथ हाईवे पर प्रस्तावित हेलंग-मारवाड़ी बाईपास मार्ग का निर्माण कार्य जुलाई में शुरू हो जाएगा। मार्ग के निर्माण को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है। बाईपास मार्ग के निर्माण से बदरीनाथ धाम की दूरी 30 किमी कम हो जाएगी। साथ ही चीन सीमा क्षेत्र में सेना की आवाजाही आसान हो जाएगी।ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत जोशीमठ से 13 किलोमीटर पहले हेलंग-मारवाड़ी बाईपास मार्ग का निर्माण प्रस्तावित है। जोशीमठ नगर के निचले हिस्से में करीब पांच किमी तक इस मार्ग का निर्माण होगा। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने पांच किलोमीटर के दायरे में पेड़ों के कटान का काम पहले ही पूरा कर लिया था।लेकिन, जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने मार्ग के विरोध में करीब एक वर्ष तक आंदोलन किया, जिस कारण निर्माण नहीं हो पाया।

इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। आपको बता दें कि चीन सीमा क्षेत्र तक सेना की आवाजाही को सुगम करने का हवाला देते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने बाईपास मार्ग के निर्माण को जरूरी बताया, जिसके बाद मार्ग निर्माण को न्यायालय से हरी झंडी मिल गई है। बाईपास मार्ग के निर्माण से बदरीनाथ धाम की आने-जाने में 30 किमी की दूरी कम हो जाएगी। अभी तक तीर्थयात्री हेलंग से जोशीमठ होते हुई मारवाड़ी पहुंचते हैं, इसकी दूरी 20 किमी है, जबकि प्रस्तावित बाईपास हेलंग-मारवाड़ी मार्ग करीब 5 किमी का है। बाईपास मार्ग के निर्माण के बाद तीर्थयात्रियों के लिए बदरीनाथ धाम आने-जाने में 30 किमी की दूरी कम हो जाएगी। साथ ही आपको बताते चलें कि बाईपास मार्ग के निर्माण के साथ ही हेलंग-जोशीमठ मोटर मार्ग के चौड़ीकरण का काम भी शुरू होगा। बीआरओ के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि हेलंग-मारवाड़ी (5 किमी) मार्ग का नवनिर्माण और हेलंग-जोशीमठ (10 किमी) मार्ग पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य एक साथ शुरू किया जाएगा। इसके बाद जोशीमठ बाजार में जाम से मुक्ति मिल जाएगी।

 

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