अल्मोड़ा : जानें पांचवें धाम जागेश्वर धाम के बारे में कुछ ख़ास बातें, पढ़िए पूरी जानकारी
अल्मोड़ा | उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित जागेश्वर मंदिर या जागेश्वर धाम मंदिर अत्यंत प्राचीन और विशाल मंदिर है जिसे उत्तराखंड के पंच धामों में से एक माना जाता है। जागेश्वर धाम 125 छोटे-बड़े मंदिरों का समूह है जिसका निर्माण बड़े-बड़े पत्थरों से किया गया है। जागेश्वर मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए काफी प्रसिद्द है जिसे 8वीं और 10 वीं शताब्दी के कत्यूरी राजवंश के राजाओं ने बनवाया था, कत्यूरी राजाओं ने न केवल जागेश्वर मंदिर बल्कि ऐसे 400 से भी अधिक मंदिरों का निर्माण करवाया था जो आज भी अल्मोड़ा में स्थित है। जागेश्वर धाम अल्मोड़ा जिले से लगभग 38 किमी की दूरी पर स्थित है जहाँ हर दिन भगवान शिव के भक्तों की भीड़ लगी रहती है। माना जाता है कि जागेश्वर धाम पर भगवान शिव जी ने घोर तपस्या की थी जहां भगवान शिव के अलावा नव दुर्गा, भगवान हनुमान, सूर्य भगवान, कलिका, कालेश्वर आदि भगवानों को भी विधि पूर्वक पूजा जाता है। भगवान शिव का यह मंदिर अत्यंत विशाल और खूबसूरत है।
जागेश्वर मंदिर को उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है जहां देश के कोने-कोने से शिव भक्त आकर भगवान का आशीर्वाद लेते है। जागेश्वर धाम भगवान सदाशिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसे आठवां ज्योतिर्लिंग भी माना जाता है। जागेश्वर के सभी मंदिर पत्थरों से बनाए गए है जो वास्तुकला और खूबसूरत दृश्य से घिरा होने के कारण बेहद आकर्षक और सुंदर दिखाई देता है। पिछले कुछ सालों से कोरोना महामारी के चलते जागेश्वर मंदिर को कुछ समय के लिए बंद करवा दिया था जिसके कुछ समय बाद वर्तमान में मंदिर के कपाट खोल दिए गए है आप चाहे तो जागेश्वर मंदिर के दर्शन करने जा सकते है।