हल्द्वानीः पहले बैलगाड़ी से अब होने लगा वर्चुअल चुनाव, पढ़िए पूरी खबर…
हल्द्वानी। निर्वाचन आयोग की तय की गई गाइडलाइन की वजह से इस बार के विधानसभा चुनाव में तकनीक का ज्यादा इस्तेमाल होगा। सूचना तकनीक का ज्यादा इस्तेमाल करना हर प्रत्याशी के लिए मजबूरी भी बन गया है। हालांकि, परंपरागत चुनाव प्रचार की जगह सूचना तकनीक के ज्यादा इस्तेमाल की वजह से चुनाव प्रचार में खर्च होने वाले धन में भी काफी कमी आई है।
पुराने दौर के चुनाव प्रचार को याद करें तो आज से चार दशक पहले चुनाव प्रचार के लिए प्रत्याशी व समर्थन बैलगाड़ी, तांगे से चुनाव प्रचार को निकलते थे। कहीं पर पड़ाव होते थे, कहीं पर दोपहर का खाना होता था। साथ में पेंटर, पोस्टर चिपकाने वाले साथ चलते थे। जहां प्रत्याशी जाता था वहीं दीवारों पर पोस्टर चिपकाने, पेंटिंग का काम होता जाता था। बाद में प्रत्याशी के समर्थन में लाउडस्पीकर घुमाने के साथ जनसंपर्क करना चुनाव प्रचार में अहम भूमिका निभाते थे।
देश में सूचना क्रांति के युग में परंपरागत चुनाव प्रचार को पूरी तरह से नहीं छोड़ा गया। इसलिए आज भी प्रत्याशी बड़ी रैली करने, पोस्टर चिपकाने जैसे काम में विश्वास रखते हैं। पिछले दो साल से चल रहे कोरोना संक्रमण की वजह से अब चुनाव प्रचार का तरीका बदलना पड़ रहा है। इस बार निर्वाचन आयोग ने सख्त नियम तय कर दिए हैं।
जिसका अर्थ है रैलियों पर पाबंदी रहेगी। साथ ही जनसंपर्क के दौरान ज्यादा भीड़ को इकट्ठा नहीं किया जा सकता है। इसलिए वर्चुअल चुनाव प्रचार अब पूरी तरह से जगह ले रहा है। हर प्रत्याशी सोशल मीडिया को अपना हथियार बना रहा है। कौन जानता था कि केवल परिचितों को आपस में जोड़ने के लिए बनाया सोशल मीडिया एक दिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में अपनी इतनी बड़ी भूमिका निभाएगा।
आज के दौर में प्रत्याशियों के लिए चुनाव जीतने के लिए सोशल मीडिया पर दमदार उपस्थिति जरूरी हो गई है। भारत में आमतौर पर देखें तो फेसबुक और व्हाट्सअप सबसे ज्यादा लोकप्रिय सोशल साइट हैं। इन पर लोग ज्यादा से ज्यादा जुड़े हैं। हर प्रत्याशी अपनी हर गतिविधि इन माध्यमों पर जरूर साझा कर रहा है। पार्टियां भी अपने आधिकारिक सोशल साइटों के जरिए प्रत्याशियों की घोषणा कर रहीं हैं। सोशल मीडिया की पकड़ अब समाज के हर वर्ग पर है। ये केवल युवाओं का माध्यम नहीं बल्कि अब उम्र वर्ग के लोग इस पर जुड़े हैं। संभ्रात से लेकर आम आदमी भी इसमें अपनी भूमिका निभा रहा है।