ट्रेंडिंगदेश

Mission Chandrayaan-1 से Chandrayaan-3 की पूरी दास्तान

चंद्रयान से चंद्रयान 3 तक की कहानी एक प्रेरणादायक कहानी है। यह कहानी हमें बताती है कि अगर हम दृढ़ता और समर्पण के साथ काम करते हैं, तो हम किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।

आज का दिन यानी 23 अगस्त हर एक भारतीय के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। 2008 से शुरू हुआ ये सिलसिला  आज साल 2023 में एक नई पहचान और  इतिहास  बनाने के लिए तैयार है। एक ऐसा इतिहास , जिसे  आज तक कोई नई बना पाया ।  आज हम इस खबर  में  बात करेंगे चंद्रयान 3 के बारे में साथ ही  इसके जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स और important  बातें  जिसे शायद ही आपने सुना या पढ़ा होगा ।  

कहानी शुरू होती है  चंद्रयान-1 से –

  • चंद्रयान-1, भारत का पहला चंद्र मिशन, जिसे  2008 में लॉन्च किया गया था। यह मिशन चांद के सरफेस के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए  था। चंद्रयान-1 ने सफलतापूर्वक अपने मिशन को पूरा कर भारत को अंतरिक्ष में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया । 
  • चंद्रयान-2, भारत का दूसरा चंद्र मिशन, जिसे 2019 में लॉन्च किया गया था। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर एक लैंडर और एक रोवर भेजना था। लैंडर एक अंतरिक्ष यान  जो किसी ग्रह या चंद्रमा की सतह पर उतरता है साथ ही रोवर एक छोटा, automated  वाहन है जो किसी ग्रह या चंद्रमा की सतह पर घूमता है। 
  • चंद्रयान-2 ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में तो प्रवेश किया, लेकिन दुर्भाग्य  यह रहा कि  लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर ही  दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हालांकि, चंद्रयान-2 के असफलता से ISRO यानी  Indian Space Research Organisation  ने हार नहीं मानी और भारत को चंद्रमा पर एक सफल लैंडिंग कराने के लिए चंद्रयान-3 मिशन की योजना शुरू कर दी ।
  • 14 July 2023 को चंद्रयान-3 लॉन्च किया गया । इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग करना और एक रोवर भेजना है। यदि चंद्रयान – 3 दक्षिणी ध्रुव की सतह पर सॉफ़्ट लैंडिंग यानी बेहद आराम से उतरने में कामयाब हो जाता है तो ये अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की ओर से बड़ी छलांग लगाने जैसा होगा। क्योंकि दुनिया का कोई भी मुल्क अब तक चांद के इस हिस्से पर सॉफ़्ट लैंडिंग करने में सफल नहीं हो पाया है।

अब बात करते है  कुछ ऐसी महत्वपूर्ण बाते जो चंद्रयान -3  को सफलतापूर्वक लैंड कराने में मदद करेगी- 

  • चंद्रयान 3 का मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करना है , जो पानी और अन्य खनिजों के लिए एक संभावित स्थान है।
  • चंद्रयान 3 के लैंडर और रोवर में कई नई और उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है, जो चंद्रमा के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा।
  • चंद्रयान 3 का मिशन भारत को अंतरिक्ष में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करना और  अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में प्रगति को गति देना है।
  • चंद्रयान 3 का लैंडर विक्रम 6 पहियों वाला है और यह चंद्रमा की सतह पर लगभग 500 मीटर की दूरी तय करेगा।
  • चंद्रयान 3 का रोवर प्रज्ञान 4 पहियों वाला है और यह चंद्रमा की सतह पर लगभग 5 किलोमीटर की दूरी तय करेगा।
  • चंद्रयान 3 के लैंडर और रोवर में कई सेंसर और उपकरण है, जो चंद्रमा के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद करेंगे।

चंद्रयान से चंद्रयान 3 तक की कहानी एक प्रेरणादायक कहानी है। यह कहानी हमें बताती है कि अगर हम दृढ़ता और समर्पण के साथ काम करते हैं, तो हम किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।

हम  आशा करते है  कि चंद्रयान 3 का मिशन सफल हो और भारत को इस सफलता से अंतरिक्ष में एक नई ऊँचाई पर ले जाने का मौका मिले।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button