सौर ऊर्जा के 781 प्रोजेक्टों को मिली ऑक्सीजन की मंजूरी, जारी हुईं नई दरें

देहरादून- प्रदेश में सौर ऊर्जा के 781 आवंटित प्रोजेक्टों को एक साल की ऑक्सीजन मिल गई है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने उत्तराखंड रिनिविबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (उरेड़ा) की नए प्रोजेक्ट पुरानी दरों पर स्थापित करने की अवधि बढ़ाने से इनकार करते हुए दो साल के बाद सौर ऊर्जा प्रोजेक्टों के लिए नया टैरिफ जारी कर दिया है। 31 मार्च 2023 तक जो भी नए प्रोजेक्ट शुरू होंगे, उन्हें पुरानी दरों पर ही बिजली बेचने का मौका मिलेगा। उरेड़ा के पास मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत दस हजार के लक्ष्य के सापेक्ष 1472 आवेदन आए थे। इनमें से उरेड़ा ने 781 प्रोजेक्ट को लेटर ऑफ अवार्ड जारी कर दिया है। कोविड महामारी और फिर विधानसभा चुनाव की वजह से इन प्रोजेक्ट की स्थापना धीमी हो गई थी। नियम यह था कि जो भी प्रोजेक्ट 31 मार्च 2022 तक स्थापित होंगे, केवल वही 4.49 रुपये प्रति यूनिट की दर से यूपीसीएल को बिजली बेच सकेंगे।


लिहाजा, उरेड़ा ने इस अवधि को 31 मार्च 2023 तक बढ़ाने की याचिका नियामक आयोग में दायर की थी। आयोग के अध्यक्ष डीपी गैरोला और सदस्य तकनीकी एमके जैन की पीठ ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के गुजरात राज्य से जुड़े आदेशों के तहत आयोग अवधि नहीं बढ़ा सकता है। लिहाजा, नियामक आयोग ने 2019 के बाद सोलर प्रोजेक्ट संचालकों के लिए नया टैरिफ जारी कर दिया है। इस टैरिफ में 4.49 रुपये प्रति यूनिट की दर को बरकरार रखा गया है। यानी इस एक साल में जितने भी नए सोलर प्रोजेक्ट स्थापित होंगे, उन्हें पूर्व की भांति ही 4.49 की दर पर बिजली बेचने का मौका मिलेगा।

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