10 पहाड़ी जिलों में घटे 58 हजार मतदाता, नैनीताल, अल्मोड़ा और पौड़ी में सबसे ज्यादा पलायन

प्रदेश के 10 पर्वतीय जिलों में बीते 9 महीने के दौरान 58 हजार से ज्यादा मतदाता घट गए हैं। निर्वाचन आयोग के पार्ता आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक तीन मैदानी जिलों, उधमसिंह नगर, हरिद्वार और देहरादून में भी 9 महीने की अवधि में 62 से ज्यादा मतदाता घट गए हैं।
निर्वाचन कार्यालय ने नौ महीने में मतदाता सूची में नाम दर्ज करानें और नाम हटा कर दूसरी विधानसभा क्षेत्र की सूची में जोड़ने को लेकर की गई गतिविधियों में यह आंकड़ा सामने आया है। पहाड़ी जिलों से इतनी बड़ी संख्या में लोगों द्वारा नाम हटाए जाने के यहां की विधानसभा सीटों घटने की आशंका बढ़ गई है। माना जा रहा है कि बेहतर सुविधाओं के अभाव में पलायन की मजबूरी ने लोगों को पहाड़ छोड़ने को विवश किया है। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पर्वतीय जिलों में नैनीताल, अल्मोड़ा और पौड़ी जिले में सबसे ज्यादा वोटर कम हुए हैं। नैनीताल जिले में 11,883 अल्मोड़ा जिले में 11,474 और पौड़ी जिले में 11,093 वोटर कम हुए हैं। इनके अलावा पिथौरागढ़ में 8388, टिहरी में 6120, चमोली में 3852, रुद्रप्रयाग में 1910, बागेश्वर में 1883, चंपावत में 1017 और उत्तरकाशी में 482 वोटरों ने पलायन किया है।
मैदानी जिलों की बात करें तो ऊधमसिंह नगर जिले में 35512, हरिद्वार में 14399 और देहरादून में 12747 वोटर कम हुए हैं।

आंकड़ों के मुताबिक इस साल पांच जनवरी से 30 सितंबर तक तक प्रदेशभर में मतदाता सूची से कुल एक लाख 69529 नाम हटाए गए। इनमें 32997 लोगों के नाम मृत्यु होने के चलते हटाए गए। 15772 नाम ऐसे थे जो दो-दो विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में दर्ज थे। इस अवधि में एक लाख से ज्यादा नए नाम भी मतदाता सूची में जुड़े हैं।

आयोग के आंकड़ों से यह भी खुलासा हुआ है कि प्रदेश के 12विधानसभा क्षेत्रों में मानकों से अधिक वोटर कम हुए हैं, जिनमें 7 पर्वतीय और 5 शहरी विधानसभा क्षेत्र हैं। दरअसल चुनाव आयोग ने किसी भी विधानसभा की सूची में अधिकतम चार प्रतिशत वोटर जुड़ने और दो प्रतिशत वोटर हटने का मानक रखा है। प्रदेश के 11 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जिनमें दो प्रतिशत से अधिक वोटरों के नाम हटे हैं। पर्वतीय जिलों में रामनगर से 4.16, अल्मोड़ा से 3.80, लैंसडौन से 3.54, डीडीहाट से 3.51 प्रतिशत, प्रतापनगर से 2.34, पिथौरागढ़ से 2.32 और चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र से 2.17 प्रतिशत नाम हटाए गए हैं। मैदानी जिलों में जसपुर से 5.96, काशीपुर से 5.62, रुड़की से 4.11 प्रतिशत, नानकमत्ता से 3.01 और खटीमा सीट से 2.01 प्रतिशत मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। आयोग का कहना है कि इन सभी विधानसभा क्षेत्रों ने मानकों से ज्यादा नाम हटाए जाने की जांच की जाएगी।

नए मतदाता जुड़ने की बात करें तो प्रदेश में पांच जनवरी से 30 सितंबर के बीच 111095 नए मतदाता जोड़े गए हैं। इनमें सर्वाधिक 26,559 मतदाता ऊधमसिंह नगर जिले में जुड़े हैं। दूसरे नंबर पर देहरादून 23,897 और तीसरे नंबर पर हरिद्वार 18,211 है।
अन्य जिलों में नैनीताल में 9671, पौड़ी में 8647, उत्तरकाशी में 1566, चमोली में 2087, रुद्रप्रयाग में 1891, टिहरी में 3388, पिथौरागढ़ में 5207, बागेश्वर में 1728, अल्मोड़ा में 7024 और चंपावत में 1237 नए मतदाता जुड़े हैं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के मुताबिक, प्रदेश में वर्तमान में 8085488 मतदाता हैं। जिनमें सबसे ज्यादा 2230500 मतदाता 30 से 39 आयु वर्ग के हैं। इनमें 1190880 पुरुष और 1039547 महिलाएं हैं।

आयु वर्ग के अनुसार मतदाताओं की संख्या का व्यौरा

40 से 49 – 1653956
20 से 29 – 1629870
50 से 59 – 1161703
60 से 69 – 745876
70 से 79 – 419021
80 से अधिक –168479
18 से 19 – 760083

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