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Uttarkashi सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूर जल्द निकलेंगे बाहर

देश में सभी लोग उत्तरकाशी टनल हादसे में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी को लेकर सजग है। पिछले 12 दिनों से निर्माणाधीन सुरंग के मलबे में 41 मजदूर जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे है। लेकिन इसी बीच एक खुशखबरी सामने आई है जिसके अनुसार जल्द ही मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा।

उत्तरकाशी टनल(Uttarkashi Tunnel) हादसे में पिछले 12 दिनों से निर्माणाधीन सुरंग के मलबे में 41 मजदूरों की जिंदगी अंधेरे के साये में है। मलबा हटाने के लिए तरह-तरह की मशीनें लगाई गई है। स्वदेशी के साथ-साथ विदेशी मशीनें भी बुलाई गई है। इस सबके बावजूद भी रेस्क्यू में बहुत समय लग चुका है और आगे भी लगने वाला है।

रेस्क्यू ऑपरेशन की अहम चुनौती

रेस्क्यू ऑपरेशन(Silkyara Rescue Operation) में जुटे अधिकारियों के लिए सुरंग के मलबे में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए ड्रिलिंग चुनौती बनी हुई है। सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए सुरंग के मुख्य द्वार से होरिजेंटल ड्रिलिंग के साथ ही पहाड़ी के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग भी जल्द शुरू करने में जुटे विशेषज्ञों की टीम हर पहलू पर मंथन कर रही है।

वर्टिकल ड्रिलिंग हो सकती है सफल

विशेषज्ञों के अनुसार सिलक्यारा की पहाड़ी के भीतर की चट्टानें कम मजबूत प्रतीत हो रही हैं। ऐसे में वर्टिकल ड्रिलिंग में कम समय लगने का अनुमान है, लेकिन ऐसी पहाड़ी पर सुरक्षा उपायों की अधिक आवश्यकता होती है। ताज़ा प्राप्त समाचारों के अनुसार 37 श्रमिक वर्टिकल ड्रिलिंग के सड़क निर्माण के लिए पहाड़ी पर जा रहे हैं। जहां तक लक्ष्य था वहां तक सड़क निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है और मशीनें भी पहुंच गई हैं। विशेषज्ञों की टीम सुरक्षा से लेकर सभी पहलुओं पर विचार कर रही है।

होरिजेंटल ड्रिलिंग दिखा रही कमाल

सुरंग में होरिजेंटल ड्रिलिंग का काम सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है । ऑगर मशीन से 800 एमएम के छह पाइप डाले जा चुके हैं। 36 मीटर तक ड्रिलिंग की जा चुकी है। सातवें पाइप की वेल्डिंग का काम चल रहा है। अब सुरंग में करीब 20 से 22 मीटर की दूरी रह गई है।

इस सबके बीच एक बड़ी सफलता मिली है। बता दें  कि रेस्क्यू टीम ने बड़ी मात्रा में ठोस भोजन और पानी भेजने के लिए 57 मीटर लंबा, 6 इंच चौड़ा पाइप डालने में कामयाब हुई है। इस पाइप के जरिए अब गर्म मजदूरों तक भेजा जा रहा है। वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर लगातार अपडेट ले रहे हैं।

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