हरियाणा के डीजीपी का अधिकारियों को आदेश : शिकायतकर्ताओं की बात धैर्यपूर्वक सुनें

चंडीगढ़, 19 अगस्त (आईएएनएस)। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने शनिवार को पुलिस विभाग के वरिष्ठ फील्ड अधिकारियों को लोगों के प्रति अधिक संवेदनशील होने, उन्हें धैर्यपूर्वक सुनने और उनकी शिकायतों को पारदर्शी तथा समयबद्ध तरीके से हल करने का निर्देश दिया है।

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने पंचकूला में पुलिस मुख्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की पहली बैठक की अध्यक्षता की और उन्हें कई और अन्य निर्देश भी दिए।

डीजीपी ने पुलिस को सरकार का चेहरा बताते हुए शिकायतों के तत्काल समाधान की जरूरत पर जोर दिया, ताकि त्वरित, निष्पक्ष और कुशल न्याय सुनिश्चित किया जा सके और साथ ही भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सके।

इसके अलावा डीजीपी ने कहा कि शिकायतकर्ताओं से उनकी संतुष्टि का पता लगाने के लिए फीडबैक लेने के लिए एक सिस्टम विकसित किया जाना चाहिए। इससे न केवल शिकायत निवारण सिस्टम अधिक पारदर्शी होगा, बल्कि लोगों का पुलिस पर विश्वास भी बढ़ेगा।

राज्य में महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए डीजीपी ने कहा कि पुलिस को राज्य में ऐसा माहौल विकसित करने के लिए काम करना चाहिए, जहां महिलाएं या बेटियां देर रात भी घर से निकलने की जरूरत पड़ने पर सुरक्षित महसूस करें।

उन्होंने फील्ड इकाइयों को लड़कियों के स्कूलों, कॉलेजों और बाजारों के आसपास पुलिस गश्त तेज करने का निर्देश दिया, ताकि अराजक तत्वों को कड़ा संदेश दिया जा सके। जघन्य अपराध से अधिक प्रभावी ढंग से निपटने के लिए स्पष्ट संदेश देते हुए, डीजीपी ने स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की ताकत को दोगुना करने और संगठित अपराधों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए इसे अनुरूप संसाधनों से लैस करने के निर्देश जारी किए।

कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए उन्होंने पुलिस अधिकारियों से माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सतर्क रहने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

उन्होंने सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखने और नफरत फैलाने वाले भाषणों के जरिए शांति भंग करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया।

उन्होंने पुलिस अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया के लिए विशेष कानून और व्यवस्था कंपनियां और स्वाट टीमें बनाने की जरूरत पर जोर दिया।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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