सोसाइटी में मासूम बच्चों को लिफ्ट से जबरन उतारा, वीडियो आया सामने

ग्रेटर नोएडा, 18 अगस्त (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की समिति के अंदर लिफ्ट से मासूम बच्चों को बाहर निकालना और उन्हें सीढ़ी से भेजने का वीडियो सामने आया है। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। यह मामला ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पंचशील ग्रीन्स वन सोसाइटी का है।

वीडियो के मुताबिक सोसाइटी की अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (एओए) टीम के सदस्य ने छोटे-छोटे बच्चों को लिफ्ट का प्रयोग करने से रोक दिया। लिफ्ट में सवार बच्चों को नीचे उतार दिया गया। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो रहा है।

इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोसाइटी के रेजिडेंट्स भड़क गये। उन्होंने कहा कि मेंटेनेंस लेने के बाद एओए लिफ्ट का प्रयोग करने से उन्हें कैसे रोक सकती है।

यह विवाद 2 अगस्त को उस समय शुरू हुआ, जब पंचशील ग्रीन-1 सोसाइटी के बी-2 टावर की दूसरी मंजिल पर फ्लैट नंबर 201 और 203 में चल रहे प्ले स्कूल को लेकर इस फ्लैट के आसपास रहने वाले रेजिडेंट्स ने कहा कि स्कूल में आने वाले बच्चों के शोर से वे काफी परेशान हो गए हैं।

उनकी मांग है कि स्कूल को कहीं और शिफ्ट कर दिया जाए। सोसाइटी में रहने वाले कई परिवारों के बच्चे इसी प्ले स्कूल में आते हैं। जिनके अभिभावको का कहना है कि सोसाइटी के भीतर प्ले स्कूल होने से उन्हें काफी सुविधा होती है। वे बच्चों को यहीं भेज देते हैं। स्कूल के करीब होने से उन्हें सुरक्षा की भी अधिक चिंता नहीं होती है।

रेजिडेंट्स के विरोध के बाद स्कूल प्रबंधन ने इसे बंद करने का नोटिस चस्पा कर दिया। प्ले स्कूल में आने वाले बच्चों के अभिभावकों ने इसका विरोध और हंगामा हुआ।

मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर मामला शांत करा दिया था। पुलिस ने एओए को प्राधिकरण या कोर्ट के माध्यम से कार्रवाई करने को कहा था।

सोसाइटी की अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (एओए) टीम के सदस्य विपिन टोंक ने गुरुवार को छोटे-छोटे बच्चों को लिफ्ट का प्रयोग करने से रोक दिया और लिफ्ट में सवार बच्चों को नीचे उतार दिया। उन्हें जबरन सीढ़ी स्कूल भेजा गया।

इस बीच अभिभावक और एओए सदस्य के बीच काफी बहस हुई। अभिभावकों का कहना है कि मेंटेनेंस लेने के बाद एओए लिफ्ट का प्रयोग करने से उन्हें कैसे रोक सकती है। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो गया है। जिसके बाद बैक फुट पर आये एओए ने बयान जारी कर कहा कि जिन्होंने बच्चों को रोका है, वह एओए के सदस्य हैं, लेकिन यह फैसला एओए का नहीं है।

–आईएएनएस

पीकेटी

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button