बिजनेस

सैट ने सेबी की रोक के खिलाफ ज़ी प्रमोटर की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा

मुंबई, 28 सितंबर (आईएएनएस)। प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (एसएटी) ने बुधवार को सेबी के अंतरिम आदेश के खिलाफ ज़ी एंटरटेनमेंट के प्रमोटर पुनित गोयनका की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्हें कथित फंड डायवर्जन के कारण सूचीबद्ध संस्थाओं में किसी भी प्रमुख प्रबंधकीय पद पर रहने से रोक दिया गया था।

सैट ने आदेश सुरक्षित रखते हुए बाजार नियामक और गोयनका को एक सप्ताह के भीतर कोई लिखित दलील दाखिल करने का निर्देश दिया।

सेबी के वकील डेरियस खंबाटा ने ट्रिब्यूनल को बताया कि बाजार नियामक 30 नवंबर तक पांच लेनदेन पर अपनी जांच पूरी कर लेगा और अगर सभी पक्ष सहयोग करेंगे तो बाकी में समय लगेगा।

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने 10 अगस्त को ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज और कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट (जिसे पहले सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के नाम से जाना जाता था) के विलय को अपनी मंजूरी दे दी थी।

लेकिन 14 अगस्त को पारित सेबी के पुष्टिकरण आदेश ने बड़ी गड़बड़ी करते हुए जेडईईएल प्रमोटरों – गोयनका और सुभाष चंद्रा को कंपनी और अन्य संगठनों में कोई भी निदेशक या अन्य प्रमुख प्रबंधकीय पद संभालने से रोक दिया।

खंबाटा ने अपनी दलील में कहा था कि पिछले चार महीनों में सेबी द्वारा एकत्र की गई सामग्री से धन की हेराफेरी और राउंड ट्रिपिंग का संकेत मिलता है और जांच जारी है।

जेडईईएल प्रमोटरों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील अभिषेक मनु सिंघवी और नवरोज़ सीरवई ने कहा कि सेबी ने जांच पूरी किए बिना पुष्टिकरण आदेश पारित किया और यह शुद्ध अटकलों पर आधारित है।

सिंघवी ने तर्क दिया कि गोयनका का एस्सेल समूह की अन्य कंपनियों पर कोई नियंत्रण नहीं है। अन्य कंपनियों द्वारा लिए गए निर्णयों के परिणामस्वरूप गोयनका को कंपनी के अध्यक्ष पद पर बने रहने से रोकने के लिए कोई आदेश नहीं दिया जा सकता।

वरिष्ठ वकील ने कहा, ”यदि आदेश को रद्द नहीं किया गया, तो भारी परिणाम होंगे।” सिंघवी ने तर्क दिया, ”जांच की शुरुआत से ही गोयनका की भागीदारी केवल अनुमानों, अनुमानों और परिकल्पनाओं पर है।”

–आईएएनएस

एसजीके

Show More

Related Articles

Back to top button