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शीर्ष कोर्ट से नकली नोट रखने वाले सब्जी विक्रेता को राहत, सजा हुई कम; तत्काल रिहाई के दिए आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के एक सब्जी विक्रेता को राहत देते हुए उसकी जेल की सजा कम कर दी। सब्जी विक्रेता को 10 रुपये के 43 नकली नोट रखने के अपराध में दोषी ठहराया गया था। न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने तमिलनाडु के थेनी जिले के निवासी पलानीसामी को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया।

पीठ ने 10 अगस्त के अपने आदेश में कहा, उसके खिलाफ आरोप सिर्फ आईपीसी की धारा 489सी के तहत है। उसके पास 10 रुपये मूल्य के 43 नकली नोट पाए गए। वह एक सब्जी विक्रेता है।मुख्य आरोपी कबीर नाम का फरार आरोपी (ए3) है। उपरोक्त पहलुओं को ध्यान में रखते हुए हम दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए सजा को संशोधित करके पहले से भुगती गई सजा में बदलने के इच्छुक हैं…। उच्च न्यायालय द्वारा दी गई पांच साल की सजा को पहले ही भुगती गई अवधि में संशोधित करके अपील को आंशिक रूप से अनुमति दी जाती है। यदि किसी अन्य मामले में आवश्यक न हो तो अपीलकर्ता को तत्काल रिहा कर दिया जाए।
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 489सी नकली या जाली मुद्रा-नोट या बैंक-नोट रखने के अपराध से संबंधित है और इसमें सात साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
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