वैश्विक अनिश्चितता, घरेलू व्यवधान का दबाव मुद्रास्फीति पर रहेगा : आर्थिक समीक्षा

नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में घरेलू खपत और निवेश मांग से विकास में तेजी जारी रहने की उम्मीद है, लेकिन वैश्विक अनिश्चितता और घरेलू व्यवधान आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति के दबाव को बढ़ा सकते हैं। इसके लिए केंद्र और आरबीआई को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। सरकार ने मंगलवार को मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट जारी की जिसमें ये बातें कही गई हैं। 

समीक्षा में कहा गया है कि सरकार ने खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए पहले से ही एहतियाती कदम उठाए हैं, जिससे ताजा स्टॉक के आगमन के साथ, बाजार में कीमतों का दबाव जल्द ही कम होने की संभावना है।

हालांकि साथ ही, इसमें यह भी कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर औद्योगिक नीतियों के सक्रिय अनुसरण की स्थिति में संभावनाओं को और मजबूत करने के लिए एक्सटर्नल सेक्टर की निगरानी की आवश्यकता है।

समीक्षा में कहा गया है, “सेवा निर्यात लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और ऐसा जारी रहने की संभावना है। घर से काम करने की प्राथमिकता बनी हुई है, जो आमतौर पर ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर के प्रसार में प्रकट होती है।”

लेकिन साथ ही मध्यम अवधि में, भारतीय सेवाओं के निर्यात की मांग और रोजगार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नई तकनीकों के प्रभाव की निगरानी करना भी महत्वपूर्ण है।

समीक्षा में आगे कहा गया है कि अमेरिकी बांड यील्ड में बढ़ोतरी के कारण वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट का जोखिम है और आगे मौद्रिक सख्ती की आशंका उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शेयर बाजारों को प्रभावित करेगी।

इसमें कहा गया है, “मैक्रो इकोनोमिक परिस्थितियों में लगभग एक साल की कमी के बाद व्यापक आर्थिक स्थिरता को बनाए रखना एक महत्वपूर्ण नीतिगत उद्देश्य के रूप में वापस आ सकता है।”

–आईएएनएस

एसकेपी

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button