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विवाद पैदा कर जाति जनगणना के मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही भाजपा : राहुल गांधी

नई दिल्ली, 24 सितंबर (आईएएनएस)। राहुल गांधी ने रविवार को भाजपा पर अपने सांसदों रमेश बिधूड़ी और निशिकांत दुबे के माध्यम से विवाद पैदा कर जाति जनगणना के विचार से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

राहुल गांधी ने यहां एक सम्मेलन में कहा कि भाजपा ध्यान भटकाकर चुनाव जीतती है। राहुल ने कहा कि कांग्रेस शायद तेलंगाना जीत रही है। हमारी पार्टी निश्चित रूप से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जीत हासिल कर रही है और हम राजस्थान में बहुत करीब हैं, हमें लगता है कि हम जीतने में सक्षम होंगे।

भाजपा भी अंदरूनी तौर पर यही कह रही है। राहुल गांधी ने प्रतिदिन मीडिया नेटवर्क द्वारा आयोजित ‘द कॉन्क्लेव 2023’ में कहा कि हमने कर्नाटक में एक बहुत ही महत्वपूर्ण सबक सीखा, और सबक यह था कि भाजपा ध्यान भटकाकर और हमें अपने नैरेटिव की अनुमति नहीं देकर चुनाव जीतती है। कांग्रेस ने यह बयान अपने एक्स अकाउंट पर भी साझा किया।

राहुल गांधी ने कहा कि इसलिए हमने कर्नाटक में क्या किया, हमने चुनाव इस तरह से लड़ा कि भाजपा अपना नैरेटिव नहीं चला सकी। आज आप जो देख रहे हैं, बिधूड़ी, और फिर अचानक यह निशिकांत दुबे, यह सब जाति जनगणना के विचार से ध्यान भटकाने की कोशिश है।

वे जानते हैं कि जाति जनगणना एक बुनियादी चीज़ है जो भारत के लोग चाहते हैं, और वे इस पर चर्चा नहीं करना चाहते। इसलिए जब भी वे हमारा ध्यान भटकाने के लिए मेज पर कोई मुद्दा लाते हैं, तो हमने सीख लिया है कि इससे कैसे निपटना है।

राहुल गांधी ने कहा, “हमने सीख लिया है कि इससे कैसे निपटना है। कर्नाटक में हमने एक स्पष्ट दृष्टिकोण दिया। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि भाजपा क्या करने की कोशिश करती है, अब नैरेटिव पर हमारा नियंत्रण है।”

इस सप्ताह की शुरुआत में उस समय विवाद खड़ा हो गया जब भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने सदन में बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली के लिए अपमानजनक और अपशब्दों का इस्तेमाल किया।

राहुल गांधी और पार्टी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने बसपा नेता से मुलाकात की और उनके प्रति एकजुटता व्यक्त की। राहुल ने कहा कि कांग्रेस उन राज्यों में नैरेटिव को नियंत्रित कर रही है जहां इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। साथ ही दावा किया कि भाजपा ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इसे नियंत्रित करने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए लेकिन ऐसा नहीं कर सकी।

इस साल के अंत में राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

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