बिहार में गंगा में मछलियों की संख्या बढ़ाने को लेकर कवायद तेज, रोहू-कतला दिखेंगी
पटना, 25 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार की गंगा नदी में कम पड़ रही मछलियों की संख्या बढ़ाने को लेकर सरकार ने कवायद तेज कर दी है। अब अगले महीने से 12 लाख जीरा डालने की तैयारी चल रही है। एक अधिकारी ने बताया कि बक्सर से लेकर कहलगांव तक में बह रही गंगा की पहचान रही मछलियों की प्रजाति बढ़ाई जाएगी।
इससे डॉल्फिनों की संख्या भी बढ़ेगी तथा प्रवासी पक्षियों का आवागमन भी बढ़ेगा। मछुआरे की आर्थिक स्थिति भी समृद्ध होगी। मछलियों की संख्या बढ़ने के बाद जल की गुणवत्ता भी सुधरेगी। मत्स्य विभाग गंगा से सटे इलाकों का जिलावार लुप्त हुई मछलियां व कम हो रही आबादी वाली मछलियों की संख्या बढ़ाने में जुटा है।
गंगा में मछली की संख्या बढ़ाने के लिए मत्स्य विभाग 12 लाख जीरा डालने की तैयारी कर रहा है। बताया जाता है कि पहले चरण में अक्टूबर में पीरपैंती में चार लाख जीरा डाले जाएंगे। इसके बाद मुंगेर और खगड़िया में चार-चार लाख जीरा डाले जाएंगे। विभाग के टीम बिहपुर के बगरी पुल स्थित मछली की हैचरी में गंगा और कोसी के मछली की ब्रीडिंग करा जीरा तैयार कर रहा है।
शुरुआत में पीरपैंती में गंगा नदी में रोहू व कतला प्रजाति का जीरा डाला जाएगा। गंगा में मछली की संख्या लगातार घट रही है। इससे जहां पानी प्रदूषित हो रहा है, वहीं डाल्फिन का भोजन भी कम हो रहा है। भागलपुर के इलाके में गंगा में मछली की संख्या बढ़ाने के लिए केंद्रीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान कोलकाता के विशेषज्ञ टीम ने इस साल मई में सुल्तानगंज के गंगा नदी में 2 लाख जीरा डाला था।
बताया जाता है कि फरक्का डैम बनने के बाद से हिल्सा मछली बिहार के क्षेत्र में नहीं आ पा रही है। इसी वजह से भागलपुर क्षेत्र के गंगा नदी से हिल्सा प्रजाति की मछली की संख्या कम हो गई है।
–आईएएनएस
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