पीएम मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे, विदेश मंत्रालय ने शी से मुलाकात की अटकलों को किया दरकिनार

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में मंगलवार से शुरू होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी प्रधानमंत्री शी जिनपिंग के साथ मुलाकात की संभावना पर टिप्पणी करने से सोमवार को इनकार कर दिया।

क्वात्रा ने 22 से 25 अगस्त के बीच मोदी की दक्षिण अफ्रीका और ग्रीस यात्रा पर एक ब्रीफिंग के दौरान मीडियाकर्मियों को बताया, “प्रधानमंत्री मंगलवार सुबह जोहान्सबर्ग के लिए प्रस्थान करेंगे और वहां वह 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। शिखर सम्मेलन का समापन 24 अगस्त को होगा।”

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर मोदी और जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर विदेश सचिव (एफएस) ने कहा : “मेजबान देश दक्षिण अफ्रीका ने ब्रिक्स सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में अतिथि देशों को आमंत्रित किया है। दक्षिण अफ्रीका में मौजूद रहने वाले नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकों के संदर्भ में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम तय किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा, “जहां तक ब्रिक्स के विस्तार का सवाल है, हम शुरू से ही स्पष्ट रहे हैं कि जब ब्रिक्स विस्तार की बात आती है तो हमारा इरादा सकारात्मक और दिमाग खुला है। ये दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स के शेरपाओं के बीच चल रही वर्तमान चर्चा के विषय हैं और मैं चर्चाओं के नतीजे के बारे में पहले से अनुमान नहीं लगाना चाहता।”

एफएस ने ब्रिक्स मुद्रा पर कहा : “साझा मुद्रा ढांचे के बारे में बात करने से पहले आम मुद्रा चर्चा में कई पूर्वापेक्षाएं होती हैं। ब्रिक्स में चर्चा रूपरेखा, ब्रिक्स में उस चर्चा रूपरेखा का सार राष्ट्रीय मुद्रा के भीतर व्यापार पर केंद्रित है।

उन्होंने कहा कि 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए भारत से एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल बिजनेस ट्रैक्स बैठकों और ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल, ब्रिक्स महिला बिजनेस एलायंस और ब्रिक्स बिजनेस फोरम की बैठकों में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका की यात्रा भी कर रहा है।

25 अगस्त को मोदी की एक दिवसीय ग्रीस यात्रा के बारे में क्वात्रा ने कहा : “पीएम मोदी की ग्रीस यात्रा के दौरान दोनों पक्ष सहयोग के व्यापार और निवेश खंड का विस्तार, रक्षा और सुरक्षा साझेदारी, बुनियादी ढांचे के सहयोग को गहरा और विस्तारित करने पर ध्यान देंगे।

उन्होंने कहा कि इस यात्रा से दोनों पक्षों को आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा करने का अवसर मिलेगा और हमारे द्विपक्षीय जुड़ाव को व्यापक और गहरा करने में मदद मिलेगी।

क्वात्रा ने कहा : “ग्रीस भारत के महत्वपूर्ण यूरोपीय साझेदारों में से एक है। भारत और ग्रीस दोनों न केवल आधुनिक लोकतंत्र हैं, बल्कि हम करीबी और सदियों पुराने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध भी साझा करते हैं।”

–आईएएनएस

एसजीके

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button