तमिलनाडु के साथ कावेरी जल बंटवारे पर कुमारस्वामी बोले – प्रबंधन बोर्ड के आदेश का सम्मान क्यों करें ?

बेंगलुरु, 18 अगस्त (आईएएनएस)। तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी से पानी छोड़े जाने का मुद्दा दिन-ब-दिन बड़ा होता जा रहा है। पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को इस संबंध में प्रबंधन बोर्ड के निर्देश की जरूरत पर सवाल उठाया है।

कुमारस्वामी ने पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और कावेरी जल विवाद समिति (सीडब्ल्यूडीसी) के फैसले का पालन करना ठीक है। हमारे किसानों के लिए पानी की कमी को देखते हुए, प्रबंधन बोर्ड के निर्देश को मानने की क्या जरूरत है ?

कुमारस्वामी ने पूछा कि तमिलनाडु अपना कृषि क्षेत्र क्यों बढ़ा रहा है ? कुरुवई की खड़ी फसल के लिए उन्हें कितना आवंटन मिला है ? अब वे पानी का उपयोग किस हद तक कर रहे हैं ? तमिलनाडु में अवैध रूप से चार लाख एकड़ से अधिक भूमि पर खेती की जा रही है, जो वास्तविक खेती से तीन गुना अधिक है। उसके लिए हमें पानी उपलब्ध कराने की क्या जरूरत है ?

पूर्व सीएम ने आगे कहा कि हमें कोर्ट में मजबूती से लड़ना होगा। देखना यह है कि बांध की चाबी सोनिया गांधी के पास है या तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के पास।

जल संसाधन विभाग उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के पास है, जिन्होंने कहा कि डीएमके के साथ गठबंधन के कारण नहीं बल्कि अदालत के आदेश का सम्मान करने के लिए तमिलनाडु को पानी छोड़ा गया है। हमें कर्नाटक के किसानों की दुर्दशा पर विचार करना होगा और इसीलिए ट्रिब्यूनल से पुनर्विचार की अपील की गई है।

उन्होंने आगे कहा कि हम कानून और संविधान के बारे में भी जानते हैं। कोर्ट का आदेश है। पहले भी एक डिस्ट्रेस फॉर्मूला था। हमारे किसानों को बचाना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। विधायक विरोध कर रहे हैं लेकिन सरकार को संतुलन बनाकर चलना होगा। आदेश की समीक्षा की मांग की गई है क्योंकि हमारे पास पीने के लिए पानी नहीं है।

उन्होंने आगे सवाल किया कि पिछली सरकारों ने तमिलनाडु को पानी क्यों छोड़ा ?

शिवकुमार ने कहा कि जल्द ही एक सर्वदलीय बैठक की जानकारी दी जाएगी। नई दिल्ली में हमारी एक मजबूत और जीवंत सरकार है। लेकिन, अभी भी महादयी और कृष्णा नदी विवाद हल नहीं हुए हैं। इस संबंध में योजना बनाने के लिए सभी दलों को एक साथ आना होगा। बारिश की कमी के कारण स्थिति कठिन हो गई है।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button