डेरेक ओ’ब्रायन ने ममता की श्रीलंका के राष्ट्रपति से मुलाकात का मजाक उड़ाने के लिए शुभेंदु अधिकारी की निंदा की
नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ ब्रायन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर दुबई हवाईअड्डे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के बीच बातचीत का मजाक उड़ाने के लिए भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी की कड़ी निंदा की है।
ओ’ब्रायन ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता द्वारा दिए गए “गैरजिम्मेदाराना बयान” कलह का माहौल बनाने का एक प्रयास है। यह सहयोग और विकास की भावना के खिलाफ है।
उन्होंने यह भी मांग की कि विदेश मंत्रालय तुरंत हस्तक्षेप करे और पश्चिम बंगाल और श्रीलंका के बीच संबंधों को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के लिए शुभेंदु की निंदा करे। उन्होंने दावा किया कि अधिकारी द्वारा की गई दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियां भी भारत के विदेशी संबंधों को नुकसान पहुंचाने का एक बेशर्म प्रयास हैं।
जयशंकर को लिखे अपने पत्र में तृणमूल नेता ने 13 सितंबर को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शुभेंदु की एक पोस्ट का जिक्र किया, जिसमें पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री और श्रीलंका के राष्ट्रपति के बीच बातचीत का मजाक उड़ाया गया था।
उन्होंने यह भी कहा कि बाद में पत्रकारों से बातचीत में शुभेंदु अधिकारी ने श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था पर अपमानजनक टिप्पणी की। उन्होंने एक्स पर भाजपा नेता की पोस्ट भी संलग्न की।
ओ’ब्रायन ने शुभेंदु पर विधानसभा में अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता ने पश्चिम बंगाल सरकार और श्रीलंका सरकार के बीच आर्थिक सहयोग में दुर्भावनापूर्ण तरीके से बाधा डालने के लिए एक विधायक के रूप में अपने पद का घोर दुरुपयोग किया है।”
उन्होंने कहा कि बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट 2023 21-22 नवंबर को निर्धारित है और श्रीलंका इसके लिए आमंत्रित देशों में से एक है।
उन्होंने कहा, “अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस मांग करती है कि विदेश मंत्रालय तुरंत हस्तक्षेप करे और पश्चिम बंगाल और श्रीलंका के बीच संबंधों को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के लिए अधिकारी की निंदा करे।”
“हम दृढ़ता से कहते हैं कि घरेलू राजनीतिक मतभेदों को पश्चिम बंगाल सरकार को बदनाम करने और राज्य के लोगों के लाभ के लिए विदेशी निवेश आकर्षित करने के प्रयासों को नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसा तुच्छ कृत्य नहीं किया जाना चाहिए।“
तृणमूल नेता ने कहा, “यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पश्चिम बंगाल में निवेश का मतलब भारत में निवेश है। शुभेंदुअधिकारी द्वारा की गई दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियां भी भारत के विदेशी संबंधों को नुकसान पहुंचाने का एक बेशर्म प्रयास है।”
ओ’ब्रायन ने भाजपा नेता पर पलटवार करते हुए कहा, “हम अधिकारी के गैर-जिम्मेदाराना बयानों की कड़ी निंदा करते हैं जो एक मित्र पड़ोसी देश के प्रति असम्मानजनक है। ये टिप्पणियां कलह का माहौल बनाने का प्रयास है जो सहयोग और विकास की भावना के विपरीत है।“
उन्होंने कहा, “एक राजनीतिक प्रतिनिधि द्वारा की गई ऐसी टिप्पणियां कूटनीति, सम्मान और जिम्मेदार शासन के उन मूल्यों के अनुरूप नहीं हैं, जिनका पालन हमारा देश करता है।”
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि वर्ष 2023 भारत-श्रीलंका राजनयिक संबंधों का 75वां वर्ष है और यह श्रीलंका में भारतीय मूल के तमिल समुदाय की द्विशताब्दी भी है।
शिकायत के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, “मुझे अभी तक इसकी जानकारी नहीं है। पहले मुझे विवरण प्राप्त करने दीजिए और उसके बाद ही मैं प्रतिक्रिया दूंगा।”
दुबई और स्पेन की 12 दिवसीय यात्रा पर गईं ममता ने 13 सितंबर को दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर श्रीलंकाई राष्ट्रपति विक्रमसिंघे से मुलाकात की।
दोनों नेताओं की मुलाकात का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें श्रीलंकाई राष्ट्रपति को ममता बनर्जी से पूछते हुए देखा जा सकता है कि क्या वह विपक्षी इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने जा रही हैं।
तृणमूल प्रमुख ने ठहाके लगने के बाद कहा था, “यह लोगों पर निर्भर करता है। अगर लोग हमारा समर्थन करते हैं, तो हम कल सत्ता में हो सकते हैं।”
उसी दिन शुभेंदु ने एक्स पर दोनों नेताओं के बीच एक काल्पनिक बातचीत रचकर पोस्ट कर दी थी।
उन्होंने लिखा था, “मैं अनुमान लगा रहा हूं कि दोनों के बीच क्या बातचीत हुई होगी : श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे – मैंने सुना है कि आप अपने राज्य को उसी आर्थिक संकट की ओर ले जा रही हैं, जिसका सामना श्रीलंका कर रहा है?” ममता बनर्जी – यदि आप मुझे बाजार से अधिक पैसा उधार लेने के बारे में मार्गदर्शन दे सकते हैं, तो मैं आपको अगले बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में भाग लेने के लिए आमंत्रित करूंगी।”
उन्होंने आगे लिखा था : “रानिल विक्रमसिंघे – लेकिन हम निवेश करने की स्थिति में नहीं हैं। समिट में शामिल होने से क्या फायदा होगा?” ममता बनर्जी – ”चिंता मत करो, आप बस आ जाओ और 2-3 दिनों के लिए आनंद लो और एक एमओयू पर हस्ताक्षर कर दो। वैसे भी सभी आते हैं और एमओयू पर हस्ताक्षर करते हैं और कोई निवेश नहीं करता। मुझे सिर्फ अच्छी सुर्खियों की चिंता है।”
–आईएएनएस
एसजीके