जेयू में छात्र की मौत का मामला: राज्यपाल को बनाया पक्षकार

कोलकाता, 18 अगस्त (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में एक नए छात्र की रहस्यमय मौत पर कलकत्ता उच्च न्यायालय में तृणमूल कांग्रेस द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) में एक पक्ष बनाया गया है।

बंगाली ऑनर्स प्रथम वर्ष के छात्र की 10 अगस्त को एक छात्रावास की बालकनी से गिरने के बाद रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। संदेह है कि वह रैगिंग का शिकार हो गया।

जनहित याचिका में राज्यपाल को भी एक पक्ष बनाया गया है क्योंकि वह जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं। इसके अलावा, कहा गया है कि चूंकि जादवपुर विश्वविद्यालय वर्तमान में एक स्थायी कुलपति के बिना चल रहा है, इसलिए राज्य विश्वविद्यालय के मामलों की समग्र जिम्मेदारी कुलाधिपति की है।

यह मामला कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ में सुनवाई के लिए आने वाला है।

जनहित याचिका में याचिकाकर्ता और तृणमूल सांसद कल्याण बंदोपाध्याय के वकील ने राज्यपाल को पक्षकार बनाने की अपील की थी, जिसे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी।

जनहित याचिका में विश्वविद्यालय परिसर को बाहरी लोगों के प्रवेश पर बिना किसी प्रतिबंध के नशीले पदार्थों और अन्य नशीले पदार्थों के सेवन का केंद्र भी बताया गया है।

बंदोपाध्याय ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल के रवैये के कारण जेयू काफी समय से बिना किसी स्थायी कुललपति के काम कर रहा है।

जेयू के नए छात्र की मौत के मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर यह दूसरी जनहित याचिका है।

उच्च न्यायालय के वकील सयान बनर्जी ने 14 अगस्त को एक समान जनहित याचिका दायर की थी जिसमें यह सुनिश्चित करने के लिए अदालत के हस्तक्षेप की मांग की गई थी कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के रैगिंग विरोधी दिशानिर्देशों को जेयू सहित पश्चिम बंगाल के राज्य-संचालित सभी विश्वविद्यालयों में सख्ती से लागू किया जाए।

–आईएएनएस

एकेजे

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button