जेयू में अंतरिम वीसी नियुक्त करने के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी याचिका
कोलकाता, 20 अगस्त (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल सरकार ने जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के नवनियुक्त अंतरिम कुलपति की नियुक्ति के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। जेयू इस समय एक नए छात्र की रैगिंग से संबंधित मौत को लेकर विवाद में है।
गवर्नर हाउस ने जेयू के गणित विभाग के फैकल्टी सदस्य बुद्धदेब साव को विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की है। राज्य सरकार ने इस फैसले को चुनौती देते हुए दावा किया, ”जेयू में बुद्धदेब साव को अंतरिम कुलपति नियुक्त करने का निर्णय गवर्नर हाउस द्वारा राज्य शिक्षा विभाग की चर्चा या सहमति के बिना लिया था।”
इस मामले की सुनवाई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की खंडपीठ में होने की संभावना है।
रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले भी पश्चिम बंगाल में 11 अन्य राज्य विश्वविद्यालयों के लिए अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति के राज्यपाल के फैसले पर राजभवन और राज्य सचिवालय के बीच टकराव हुआ था। इन नियुक्तियों को लेकर राज्य सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था।
हालांकि, 28 जून को कलकत्ता हाईकोर्ट ने अंतरिम कुलपति की नियुक्ति को वैध घोषित कर दिया था और राज्य सरकार को इन नवनियुक्त अंतरिम कुलपतियों के वेतन और अन्य भत्तों का खर्च वहन करने का भी निर्देश दिया था।
रिपोर्ट के अनुसार, कुलपति सुरंजन दास के सेवानिवृत्त होने के बाद से जेयू कुछ समय से बिना किसी कुलपति के चल रहा है। यहां तक कि प्रति-कुलपति के दो में से एक पद भी खाली पड़ा हुआ है।
जादवपुर यूनिवर्सिटी में छात्र की मौत के मामले में 10 सदस्यीय जांच समिति बनी थी, जिसका नेतृत्व जेयू में विज्ञान फैकल्टी के डीन, सुबेनॉय चक्रवर्ती कर रहे थे। सुबेनॉय चक्रवर्ती ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
–आईएएनएस
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