देश

चेहरा विहीन भाजपा के कार्यकर्ताओं को राजे के नेतृत्व की कमी महसूस हो रही

जयपुर, 17 सितम्बर (आईएएनएस)। भाजपा राजस्थान के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में ‘परिवर्तन यात्राएं’ निकाल रही है, हालांकि, पार्टी कार्यकर्ताओं को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की ‘कमी खल रही है’ और समझ नहीं पा रहे हैं कि ‘कोई प्रमुख चेहरा’ अभियान का नेतृत्व क्‍यों नहीं कर रहा है।

भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि राजे भीड़ खींचने वाली थीं और अपनी रैलियों के दौरान कार्यकर्ताओं में प्रेरणा और उत्साह लाती थीं।

इन कार्यकर्ताओं ने आईएएनएस को बताया कि वे अलग-अलग स्थानों पर इन यात्राओं में शामिल होने से कतरा रहे हैं। उनका दावा है कि उनका तथाकथित स्थानीय नेताओं से कोई संबंध नहीं है क्योंकि पार्टी में एक चेहरा नहीं बल्कि कई चेहरे हैं जो आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहे हैं। दरअसल, राज्य के कई हिस्सों में पार्टी नेताओं को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा क्योंकि रैलियों में भीड़ नहीं थी बल्कि खाली कुर्सियां ही सुर्खियां बन रही थीं।

आईएएनएस ने विभिन्न शहरों में पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की, जिन्होंने एक स्वर में पुष्टि की कि पार्टी चेहरे की कमी के कारण कठिन समय का सामना कर रही है।

पोखरण विधानसभा से गुलाब सिंह कहते हैं, ”जब पूर्व सीएम वसुंधरा राजे रैलियां निकालती थीं तो चारों ओर उत्साह होता था और महिलाएं भी शामिल होती थीं। आजकल महिलाओं की भागीदारी कम है। साथ ही राजे के बाद पार्टी में कोई मजबूत चेहरा नहीं रहा है जिसे पार्टी कार्यकर्ता अपना नेता मान सकें। इसलिए वरिष्ठ नेताओं को इस मोर्चे पर सोचना चाहिए और एक चेहरा लाना चाहिए जिसके पास पार्टी कार्यकर्ता अपने स्थानीय मुद्दों पर चर्चा कर सकें।

उन्होंने कहा, वर्तमान में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावों का चेहरा बनाया गया है, हालांकि, हम हर स्थानीय मुद्दे के लिए उन तक नहीं पहुंच सकते हैं और इसलिए जमीनी स्तर पर चुनौती आती है।

बाड़मेर विधानसभा से एक अन्य नेता लोकेश ने कहा कि गहलोत सरकार पहले ही महिलाओं की 50 फीसदी आबादी को मुफ्त मोबाइल फोन देकर टैप कर चुकी है, भारी भीड़ आ रही है, हालांकि, भाजपा ने अभी तक राजस्थान में ऐसी कोई पहल शुरू नहीं की है। भले ही भाजपा सरकार ने ‘लाडली बहना’ योजना के तहत महिलाओं को 3,000 रुपये देने की घोषणा की है, लेकिन राजस्थान में अभी तक ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है जो महिला मतदाताओं को लुभा सके।’

उन्होंने कहा, “जब राजे यात्राएं निकालती थीं, तो महिलाएं अपने आप उनके साथ जुड़ती थीं। वह था राजे और महिला मतदाताओं का जुड़ाव, जिसका वर्तमान में मौजूदा हालात में अभाव दिख रहा है। इसलिए ऐसा लगता है कि महिला मतदाताओं को गहलोत सरकार ने लालच दिया है।”

हिंडौन सिटी के एक अन्य कार्यकर्ता अमन शर्मा ने कहा, “पूर्वी राजस्थान में भाजपा पहले से ही कमजोर है और यात्रा को यहां खराब प्रतिक्रिया मिली है। इसका कारण – रेगिस्तानी राज्य में चेहरे की कमी है। पार्टी कार्यकर्ताओं को यह समझ नहीं आ रहा है कि वे कहां जाएं या उन्हें किस नेता के साथ जाना चाहिए।”

इस बीच, भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि यात्रा को व्यापक प्रतिक्रिया मिल रही है।

विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा, ”यह ‘परिवर्तन संकल्प यात्रा’ लोगों को इस कांग्रेस के कुशासन से मुक्त कराने के लिए कार्रवाई का आह्वान है। इसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है जिससे पता चलता है कि कांग्रेस सरकार दोबारा सत्‍ता में नहीं आयेगी।’

इसके अलावा, पार्टी के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने आईएएनएस को बताया, “आज के समय में, रैलियों और यात्राओं में भीड़ से शायद ही कोई फर्क पड़ता है क्योंकि चुनाव मुद्दों और सोशल मीडिया पर लड़े जाते हैं। इसलिए भले ही भारी भीड़ न हो, हम निश्चित रूप से अपनी सरकार बनायेंगे।”

–आईएएनएस

एकेजे

Show More

Related Articles

Back to top button