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केशव मौर्य, ब्रजेश पाठक समेत योगी सरकार के कई मंत्रियों को भाजपा उतार सकती है लोकसभा चुनाव मैदान में…

नई दिल्ली, 28 सितंबर (आईएएनएस)। भाजपा कुछ महीनों बाद 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी जोर-शोर से कर रही है। उत्तर प्रदेश में बनने वाले विपक्षी दलों के संभावित गठबंधन को देखते हुए भाजपा योगी आदित्यनाथ सरकार के दिग्गज मंत्रियों को 2024 के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है।

आइए आपको बताते हैं कि योगी सरकार के किन-किन मंत्रियों को भाजपा 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है। सबसे पहले बात उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता एवं वर्तमान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की करते हैं, जिन्हें पार्टी 2024 में फिर से लोकसभा चुनाव लड़वाने की तैयारी कर रही है। मौर्य के प्रदेश अध्यक्ष के कार्यकाल में ही 2017 में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला था और उस समय मौर्य यूपी में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। लेकिन, सीएम पद योगी आदित्यनाथ को मिल गया और उन्हें उपमुख्यमंत्री पद से ही संतोष करना पड़ा।

2022 में हुए विधानसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य ने अपने गृह जिले कौशांबी की सिराथू सीट से चुनाव लड़ा। लेकिन, उन्हें समाजवादी पार्टी उम्मीदवार पल्लवी पटेल से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, पार्टी आलाकमान के दबाव में योगी आदित्यनाथ ने अपनी दूसरी सरकार में भी उन्हें उपमुख्यमंत्री तो बनाया लेकिन लोक निर्माण विभाग जैसा मंत्रालय वापस लेकर उन्हें ग्रामीण विकास मंत्रालय का जिम्मा सौंप दिया। इससे पहले मौर्य 2014 में फूलपुर से लोकसभा सांसद भी चुने गए थे।

उत्तर प्रदेश के दूसरे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को भी 2024 में भाजपा लोकसभा के चुनावी मैदान में उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है। बसपा से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले पाठक मायावती की पार्टी से उत्तर प्रदेश के उन्नाव संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं और राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं।

एक जमाने में मायावती के काफी करीबी माने जाने वाले ब्रजेश पाठक 2016 में भाजपा में शामिल हुए। 2017 में पाठक लखनऊ सेंट्रल से विधायक का चुनाव जीतकर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने और 2022 में लखनऊ छावनी से विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद उन्हें योगी सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया गया।

भाजपा योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को भी लोकसभा चुनाव लड़वाने की तैयारी कर रही है। खानदानी रूप से कांग्रेसी माने जाने वाले जितिन प्रसाद ने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालते हुए कांग्रेस से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। वर्ष 2004 में कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से और 2009 में धौरहरा से चुनाव जीतकर सांसद बने।

राहुल गांधी की सिफारिश पर उन्हें मनमोहन सिंह सरकार में पहली बार 2008 में मंत्री बनाया गया और 2009 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद दोबारा से बनी मनमोहन सरकार में उन्हें फिर से मंत्री बनाया गया। लेकिन, इसके बाद राजनीतिक तौर पर जितिन प्रसाद का बुरा दौर शुरू हो गया। जितिन प्रसाद को लगातार दो बार 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में धौरहरा से हार का सामना करना पड़ा।

इन दोनों लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस ने उन्हें 2017 में विधानसभा का टिकट भी दिया लेकिन वह यह चुनाव भी हार गए। वर्ष 2021 में जितिन प्रसाद ने भाजपा का दामन थाम लिया। उन्हें योगी की पहली सरकार में भी मंत्री बनाया गया और वह योगी की वर्तमान सरकार में भी मंत्री हैं।

पार्टी योगी सरकार के मंत्री राकेश सचान को भी 2024 में लोकसभा उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है। सपा से भाजपा में आए राकेश सचान 2009 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर फतेहपुर लोकसभा से सांसद रह चुके हैं। हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा उम्मीदवार साध्वी निरंजन ज्योति से हार का सामना करना पड़ा था। बाद में सचान भाजपा में शामिल हो गए और वह वर्तमान में योगी सरकार में मंत्री है।

कांग्रेस से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले और मायावती सरकार में मंत्री रह चुके जयवीर सिंह 2022 के चुनाव में यूपी के मैनपुरी से विधायक चुने गए। उनके राजनीतिक कद को देखते हुए उन्हें योगी सरकार में मंत्री बनाया गया और अब भाजपा उन्हें 2024 में लोकसभा चुनाव लड़वाने की तैयारी कर रही है।

भाजपा योगी सरकार के एक और मंत्री नरेंद्र कश्यप को भी लोकसभा चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही है। बसपा से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले कश्यप बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और बसपा से ही राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा वर्ष 2016 में बसपा से निष्कासित किए जाने के बाद कश्यप 2017 में भाजपा में शामिल हो गए और योगी आदित्यनाथ की वर्तमान सरकार में वह मंत्री भी हैं।

भाजपा योगी सरकार के एक और मंत्री दया शंकर मिश्रा ‘दयालु’ को 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ा सकती है। दया शंकर 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। वह यूपी से एमएलसी हैं और वर्तमान में योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री है।

योगी सरकार के अन्य मंत्रियों की बात करें तो पार्टी पीलीभीत विधायक संजय गंगवार, आगरा ग्रामीण विधायक बेबी रानी मौर्य, बलिया विधायक दयाशंकर सिंह और पथरदेवा से विधायक सूर्य प्रताप शाही को भी 2024 में लोकसभा चुनाव लड़वाने के बारे में विचार-विमर्श कर रही है। ये चारों नेता वर्तमान में योगी सरकार में मंत्री हैं।

भाजपा उत्तर प्रदेश के मथुरा से विधायक श्रीकांत शर्मा को भी लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है जो योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में मंत्री रह चुके हैं। भाजपा मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रह चुके और 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले आरपीएन सिंह को भी 2024 में लोकसभा उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है।

खानदानी रूप से कांग्रेसी माने जाने वाले आरपीएन सिंह अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर यूपी के कुशीनगर से सांसद चुने गए थे। राहुल गांधी के कोटे से उन्हें मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे कार्यकाल में केंद्र में मंत्री बनाया गया। लेकिन, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन सिंह को लगातार दो बार भाजपा उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा।

हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में अपने वर्तमान राजनीतिक कद और प्रभाव को देखते हुए पार्टी के कई दिग्गज नेता लोकसभा का चुनाव लड़ने की बजाय लड़वाना ज्यादा पसंद करेंगे और वह अपने तर्कों से पार्टी को मनाने की भी कोशिश करेंगे।

–आईएएनएस

एसटीपी/एबीएम

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