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आपराधिक सिंडिकेट बनाते हैं गहरे गठजोड़, खालिस्तानी तत्‍व जबरन वसूली से उगाहे धन से सीमा पार हथियारों की खरीद को देते हैं बढ़ावा : एनआईए

नई दिल्ली, 28 सितंबर (आईएएनएस)। एनआईए ने अपनी जांच के दौरान खुलासा किया है कि आपराधिक सिंडिकेट उन्नत हथियारों की तलाश में अपने जबरन वसूली अभियानों से प्राप्त आय का उपयोग अत्याधुनिक हथियारों की खरीद के लिए करने लगे हैं।

आपराधिक सिंडिकेट खालिस्तानी तत्वों की मदद से न केवल देश की सीमाओं के भीतर, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार भी फैला हुआ है।

एनआईए के आरोप में बताया गया है, “इस समर्थन के बदले में इन आपराधिक गिरोहों ने अपने खालिस्तानी समकक्षों की ओर से लक्षित हत्याएं और जबरन वसूली गतिविधियों को अंजाम देना शुरू कर दिया है। इस अस्थिर सहयोग ने प्रभावी रूप से अंडरवर्ल्ड और खालिस्तानी तत्वों के बीच एक पारस्परिक रूप से लाभप्रद नेटवर्क बनाया है।”

एनआईए के सूत्रों के अनुसार, यह देखते हुए कि कई खालिस्तानी सहयोगी या तो विदेश में स्थित हैं या जेल में हैं, वे लक्षित हत्याओं को अंजाम देने के लिए सिंडिकेट के गुर्गों पर भरोसा करते हैं।

एक सूत्र ने कहा, “बदले में इन गुर्गों को अपने खालिस्तानी कनेक्शन की सहायता से विदेशों से प्राप्त उन्नत हथियारों तक पहुंच प्राप्त होती है।”

खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की आईएसआई के साथ खालिस्तान समर्थक गैंगस्टरों की मांग पर हथियारों की तस्करी के लिए नेपाल और पाकिस्तान मार्ग का उपयोग कर रहे हैं।

एनआईए सूत्रों के अनुसार, अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श दल्ला, जो कनाडाई गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और मारेे गए गैंगस्टर सुखदूल सिंह के साथ संबंध रखने के लिए जाना जाता है, आपराधिक गतिविधियों में गहराई से शामिल रहा है।

दल्ला की गतिविधियां 2020 में सामने आईं, उसने मुख्य रूप से आतंकी फंडिंग, आतंकी नेटवर्क को संगठित करने, सीमा पार हथियारों की तस्करी का समन्वय करने और पंजाब में लक्षित हत्याओं को अंजाम देने पर ध्यान केंद्रित किया।

एनआईए सूत्रों के मुताबिक, “गैंगस्टरों द्वारा हथियारों के ऑर्डर सोशल मीडिया या सिग्नल ऐप और व्हाट्सएप का उपयोग करके विदेश में बैठे खालिस्तानी चरमपंथियों को दिए जाते हैं। हथियारों की डिलीवरी इन चरमपंथियों के समर्थन से की जाती है।”

इस साल अगस्त में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तीन लोगों की गिरफ्तारी के साथ दुबई, पाकिस्तान, नेपाल और भारत में फैले हथियार तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था। इस नेटवर्क का इस्तेमाल कथित तौर पर लॉरेंस बिश्‍नोई गिरोह द्वारा पिछले साल मई में प्रसिद्ध पंजाबी गायक सुभदीप सिंह उर्फ ​​सिद्धू मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियारों की खरीद के लिए किया गया था।

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से जिगाना, बेरेटा और स्लोवाकियाई पिस्तौल, नेपाली मुद्रा, नेपाल से एक सिम कार्ड और बंदूकों की तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक विशेष लोहे का बक्सा सहित 12 अर्ध-स्वचालित पिस्तौल बरामद किए थे।

सूत्रों ने कहा कि इस मॉड्यूल के पाकिस्तान स्थित सदस्य, जो खालिस्तानी सदस्यों से जुड़े हुए हैं, ऑर्डर लेने के बाद विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए डिज़ाइन किए गए एक छिपे हुए लोहे के बक्से में नेपाल को एयर कार्गो द्वारा हथियारों की आपूर्ति करेंगे।

दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा, “एक बार जब खेप नेपाल पहुंच जाती है, तो इस मॉड्यूल के सदस्यों द्वारा इसे आसानी से बाहर ले जाया जाएगा, क्योंकि नेपाल के कस्टम अधिकारी इस मॉड्यूल से समझौता कर लेते हैं।”

–आईएएनएस

एसजीके

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