आगरा वायुसेना स्टेशन से जंगली सिवेट को किया रेस्क्यू
आगरा, 19 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर एक एशियन पाम सिवेट को रेस्क्यू किया गया है। उसका सिर प्लास्टिक के जार में फंसा हुआ मिला।
वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने छोटे स्तनपायी को सुरक्षित बचाया और वापस जंगल में छोड़ दिया।
आगरा वायु सेना स्टेशन के आवासीय क्वार्टर में रहने वाले एक व्यक्ति अपने घर के दरवाजे के बाहर मुसीबत में फंसे इस जीव को देखकर आश्चर्यचकित रह गया।
उसने तुरंत वाइल्डलाइफ एसओएस को सूचित किया।
दो सदस्यीय टीम तेजी से मौके पर पहुंची और सिवेट को घर के बाहर गमलों के पास पाया।
अत्यधिक सावधानी बरतते हुए, बचावकर्ता ने सावधानीपूर्वक जार को बाहर निकाला और जानवर को मुक्त कर दिया।
किसी भी चोट के लिए जानवर का आकलन करने के बाद उसे एक पारगमन केंद्र पर ले जाया गया। उसे 24 घंटे तक चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया और फिर वापस जंगल में छोड़ दिया गया।
वन्यजीव एसओएस के संरक्षण परियोजनाओं के निदेशक बैजूराज एम.वी. ने कहा, “आगरा में सिवेट आम हैं और विभिन्न प्रकार के परिवेशों में रह सकते हैं। यह एक अत्यंत संवेदनशील मामला था, जहां यदि जानवर तक समय पर सहायता नहीं पहुंचती तो उसका दम घुंट सकता था। सौभाग्य से, हमारी टीम समय पर पहुंच गई और जार को बाहर निकाला।”
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “हमारी रैपिड रिस्पांस यूनिट ने आगरा में विभिन्न स्थानों से सिवेट को बचाया है। पिछले दिनों, हमने सिकंदरा में एक जूता निर्माण इकाई से और आगरा हवाई अड्डे पर एक वॉशरूम से एक-एक सिवेट को बचाया था।”
एशियन पाम सिवेट (पैराडॉक्सुरस हेर्मैफ्रोडिटस) एक लंबा नेवले जैसा स्तनपायी है। यह दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया का मूल निवासी है। यह प्रजाति वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-II के तहत संरक्षित है।
सिवेट मूषक परिवार के जीवों को नियंत्रित करके पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और बीजों के फैलाव में प्रमुख योगदानकर्ता होते हैं क्योंकि वे अक्सर फल, जामुन-बेर आदि और कॉफी बीन्स खाते हैं।
–आईएएनएस
एकेजे