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झारखंड में बढ़ रहा डेंगू का डंक, बीमारी से मिलते-जुलते लक्षणों से एक दर्जन मौतें, 950 पहुंची मरीजों की संख्या

रांची, 14 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड में डेंगू और चिकनगुनिया से संक्रमितों की तादाद लगातार बढ़ रही है। गुरुवार शाम तक राज्य में डेंगू पीड़ितों की संख्या बढ़कर करीब 950 हो गई है। बीते दो महीनों में डेंगू और इससे मिलते-जुलते लक्षणों से कम से कम एक दर्जन मरीजों की जान चली गई है।

स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू जैसे लक्षणों से मरने वाले मरीजों के नमूने एलिजा टेस्ट के लिए भेजे हैं। विभाग का कहना है कि राज्य में डेंगू की पॉजिटिविटी रेट 14 फीसदी तक पहुंच गई है। राज्य के सरकारी अस्पतालों में बनाए गए डेंगू वार्ड लगभग फुल हो गए हैं।

डेंगू संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम) में हैं। जिले में अब तक कुल 4869 सैंपल की जांच हुई है, जिसमें 651 डेंगू पाजिटिव मिले हैं।

वर्तमान में 290 मरीजों का इलाज शहर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। इनमें नौ की स्थिति गंभीर है, जिन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है। वहीं, 281 मरीजों का इलाज सामान्य वार्डों में चल रहा है।

इस जिले में डेंगू जैसे लक्षणों से कम से कम दस मरीजों की मौत हुई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग आधिकारिक तौर पर इतनी मौतों की पुष्टि नहीं कर रहा।

इसी तरह रांची में डेंगू के 150 से ज्यादा मरीजों का इलाज रिम्स, सदर हॉस्पिटल एवं अन्य प्राइवेट हॉस्पिटलों में चल रहा है। बुधवार को हजारीबाग जिले में एक बच्चे और जमशेदपुर में 11 साल के किशोर की मौत की खबर डेंगू से मिलते-जुलते लक्षणों की वजह से हुई।

साहिबगंज में डेंगू और चिकगुनिया जैसे लक्षणों से पीड़ित से करीब 150 मरीजों का इलाज चल रहा है। धनबाद में 45, सरायकेला में 40 और हजारीबाग में कम से 15 मरीजों को इलाज के लिए हॉस्पिटलों में दाखिल कराया गया है।

रिम्स के सुपरिटेंडेंट डॉ. हिरेंद्र बिरुआ के मुताबिक हॉस्पिटल पर डेंगू से पीड़ित मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर दबाव बढ़ा है।

स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा है कि जिले के उपायुक्त मच्छरजनित बीमारी को लेकर तमाम आवश्यक उपाय करें। इसे लेकर जिलों के उपायुक्तों और सिविल सर्जनों को निर्देश भेजे गए हैं। हर इलाके में फीवर सर्वे करने की बात कही गयी है।

जिलों को कहा गया है कि जिस क्षेत्र में मच्छर जनित रोगियों की सूचना मिलती है, उन इलाकों में निगरानी टीम भेजें। मच्छरजनित बीमारियों के इलाके में मौजूद एक्टिव केस की पड़ताल के लिए घर-घर जाकर फीवर सर्वे कराने को कहा गया है।

–आईएएनएस

एसएनसी

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