देश

चंद्रबाबू कौशल विकास घोटाले में एफआईआर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू ने राज्य उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें कथित कौशल विकास निगम घोटाला मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर और उनकी न्यायिक हिरासत को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था। 

23 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में चंद्रबाबू की ओर से विशेष अनुमति याचिका दायर की गई है।

शुक्रवार को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति श्रीनिवास रेड्डी ने तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जहां उन्होंने दावा किया था कि उनके खिलाफ मामला राजनीति से प्रेरित था और उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया जाना चाहिए।

बाद में उसी दिन, विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट ने राजामुंदरी सेंट्रल जेल में पूछताछ के लिए नायडू को दो दिनों के लिए सीआईडी को हिरासत में दे दिया, जहां वह वर्तमान में बंद हैं।

दो दिन की हिरासत खत्म होने के बाद नायडू को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विजयवाड़ा कोर्ट में पेश किया जाएगा।

नायडू को इस मामले में सीआईडी ने 9 सितंबर को नंदयाल में गिरफ्तार किया था। अगले दिन विजयवाड़ा में एसीबी कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पूर्व मुख्यमंत्री को बाद में राजमुंदरी सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।

विजयवाड़ा कोर्ट ने न्यायिक हिरासत के बजाय घर की हिरासत की नायडू की याचिका भी खारिज कर दी थी।

यह मामला आंध्र प्रदेश राज्य में उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) के समूहों की स्थापना से संबंधित है, जिसकी कुल अनुमानित परियोजना लागत 3,300 करोड़ रुपये थी, जब नायडू मुख्यमंत्री थे।

सीआईडी ने दावा किया कि कथित धोखाधड़ी से राज्य सरकार को 371 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है। एजेंसी ने दावा किया कि 371 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि, जो परियोजना के लिए सरकार की पूरी 10 प्रतिशत प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है, निजी संस्थाओं द्वारा किसी भी खर्च से पहले जारी की गई थी।

–आईएएनएस

एसजीके

Show More

Related Articles

Back to top button